शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारियों के रिक्त चल रहे 65 फीसदी पदों को भरने के लिए पिछले माह आखिरकार दो साल बाद पदोन्नति की गई। लेकिन डीपीसी होने के 28 दिन बाद भी राज्य के ब्लॉक ऑफिस को जिला शिक्षा अधिकारी नहीं मिले हैं। प्रमोशन से डीईओ बने प्रिंसिपल आज भी स्कूलों में ही काम कर रहे हैं। उधर, फील्ड में पद रिक्त होने से संस्थापन और मॉनिटरिंग जैसे काम प्रभावित हो रहे हैं। हालात यह है कि एक जिला शिक्षा अधिकारी को तीन-चार दफ्तरों का काम संभालना पढ़ रहा है। यह स्थिति केवल एक जिले की नहीं है।
कमोबेश हर जिले में यही हालात हैं। कारण साफ है जिला शिक्षा अधिकारियों के पदों में बढ़ोतरी के बाद दो साल से डीपीसी नहीं हुई और जब डीपीसी हो चुकी है तो प्रमोट हुए जिला शिक्षा अधिकारियों की पोस्टिंग में विलंब हो रहा है। जिला शिक्षा अधिकारियों के पदों पर डीपीसी पिछले माह 16 जून को की गई थी।
इस डीपीसी में 323 प्रिंसिपल डीईओ पदों पर चयनित हुए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी का पद जिले का सबसे बड़ा पद है। इन पदों के रिक्त रहने पर जिला स्तर पर भर्ती- नियुक्ति व संस्थापन संबंधित कार्य प्रभावित होते हैं। जिला प्रशासन और विभाग के बीच जरूरी कार्य और सूचनाओं का आदान-प्रदान भी डीईओ के माध्यम से ही होता है।
केस 1 : बीकानेर में डाइट प्रिंसिपल दयाशंकर अडावतिया के पास डीईओ माध्यमिक और डीईओ प्रारंभिक का भी चार्ज है। उन्हें अपने मूल पद के साथ-साथ अन्य दो विभागों का काम भी देखना पड़ रहा है।
केस 2 : नागौर में सीडीईओ सहित डीईओ प्रारंभिक, डीईओ माध्यमिक और डाइट कुचामन में प्रिंसिपल का पद खाली है। नागौर में पिछले माह 30 जून को सीडीईओ का पद रिक्त हुआ है। लेकिन चार्ज किसी को नहीं मिला।
केस 3 : उदयपुर में भी कमोबेश यही हालात हैं। पद रिक्त होने से वहां के डाइट प्रिंसिपल के पास डीईओ और सीडीईओ दोनों पदों का अतिरिक्त चार्ज है। इस वजह से तीनों ही पदों पर काम-काज प्रभावित हो रहा है।़
2018 में हुई डीईओ पदों में बढ़ोतरी : शिक्षा विभाग में शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए वर्ष 2018 में जिला शिक्षा अधिकारी के पदों में बढ़ोतरी की गई थी। पहले जिला शिक्षा अधिकारियों के विभाग में 108 पद स्वीकृत है। उसके बाद ब्लॉक लेवल पर भी डीईओ के पद सृजित कर दिए गए। वर्तमान में विभाग में जिला शिक्षा अधिकारियों के 461 पद स्वीकृत हैं।
डीईओ के पद रिक्त होने से स्माइल और आओ घर में सीखे जैसे प्रोग्रामों की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है। प्रमोट जिला शिक्षा अधिकारियों को तुरंत फील्ड में पोस्टिंग देनी चाहिए। इस संबंध में शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया गया है।
-श्रीकिशन गोदारा, प्रदेशाध्यक्ष, रेसा
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