पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
कहां तो तय था चिरागां हर घर के लिए, कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए। शहर का हाल दुष्यंत के इस शेर की मानिंद है। सफाई, आवारा पशु पकड़ने, रोड लाइट दुरुस्त रखने, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने जैसे जरूरी काम नगर निगम के जिम्मे हैं, लेकिन शहर में सिस्टम बनाने वाली इस लोकल बाॅडी का पूरा सिस्टम ही बिगड़ा पड़ा है। भास्कर ने गुरुवार को निगम में रियलिटी चेक किया तो दोनों बड़े अधिकारी आयुक्त और उपायुक्त 12.45 बजे तक आॅफिस नहीं आए थे। पार्षद और शहरवासी समस्या लेकर उनके आने का इंतजार कर रहे थे। बीजेपी पार्षद आवारा पशुओं की समस्या को लेकर आए थे और आयुक्त को फोन कर रहे थे। बाद में पता चला वे कलेक्टर के साथ मीटिंग में हैं। वहीं, मेयर का चैंबर बंद था। निर्माण शाखा में अधीक्षण अभियंता के कक्ष में कुछ पार्षद निर्माण कार्यों को लेकर हंगामा कर रहे थे। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए कतार लगी थी।
निगम आयुक्त एएच गौरी से सवाल-जवाब
Q| आवारा पशुओं की समस्या का कैसे समाधान होगा?
A|शुक्रवार से हम एक्शन ले रहे हैं। पशुओं को पकड़ने के लिए दो पिंजरे और कर्मचारी लगा दिए हैं। ठेका भी जल्द करेंगे।
Q| हर वार्ड में सड़क और नाली से जुड़ी समस्या क्यों है?
A|इसका कारण है बजट की कमी। 20 लाख से किसी भी वार्ड की सभी सड़कें और नालियां ठीक नहीं हो सकती।
Q| सफाई और रोड लाइट को लेकर लोग परेशान हैं।
A|ऑनलाइन सिस्टम शुरू होने के बाद अच्छे रिजल्ट मिल रहे हैं। शिकायत मिलने के दो घंटे में ही निगम की टीम पहुंच जाती है।
Q| स्वच्छता सर्वे के लिए क्या तैयारी है?
A|इसके लिए जन सहयोग जरूरी है। हमने सफाई के लिए अभियान चला रखा है। डोर टु डोर कलेक्शन का काम सुधारने के बाद डंपिंग यार्ड भी शहर से हट जाएंगे।
इन चार बिंदुओं से समझें कैसे परेशान हो रही जनता
1. वार्ड 17 में पार्कों के पास रहने वाले लोगों ने पशुओं के बाड़े बना रखे हैं। बच्चों को खेलने के लिए जगह नहीं है। वार्ड के सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि 12 दिन पहले ऑनलाइन शिकायत की थी। निगम की टीम मौका देखकर चली गई, लेकिन कब्जे अब तक नहीं हटे। 2. गोलछा मोहल्ला, कोचरों का चौक में घरों के अंडरग्राउंड में सीवर का पानी भरता है, लेकिन निगम के पास छोटी मशीन नहीं है, जो वहां सफाई कर सके। पार्षद अरविंद किशोर आचार्य का कहना है कि छोटी सुपर सकर मशीन खरीदनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। 3. वार्डों में रोड लाइट लगाने के लिए निगम ने करीब दो करोड़ के टेंडर किए थे। काम अब तक शुरू नहीं हो सका। बीकानेर समाधान पोर्टल पर करीब डेढ़ सौ शिकायतें रोड लाइट की हैं। मनोज शर्मा का कहना है कि वार्ड आठ में घड़सीसर मार्ग अंधेरे में डूबा रहता है। 4. शहर में आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है। अनाधिकृत रूप से चल रही डेयरियां इसका मुख्य कारण हैं। आवारा पशुओं को पकड़ने का ठेका भी एक साल से नहीं हो पाया है। निगम के पास उन्हें पकड़ने के लिए ट्रेंड कर्मचारी नहीं हैं। सफाई कर्मचारियों से ही यह काम कराते हैं।
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए रोज 250 आवेदन, 8 की बजाय 15 दिन में होते हैं जारी
नगर निगम में जन्म मृत्यु तथा विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र के रोजाना औसतन 250 आवेदन आते हैं। नियमानुसार आठ दिन में प्रमाण पत्र तैयार करना चाहिए, लेकिन आवेदक को 10 से 12 दिन का समय दिया जाता है। उसके बाद भी उसे चक्कर निकालने पड़ते हैं। प्रमाण-पत्र 15 दिन से पहले नहीं मिलता।
सर्वोदय बस्ती निवासी जेठाराम ने 27 जनवरी को आवेदन जमा कराया था। उसे 12 फरवरी की तिथि दी गई। लेकिन प्रमाण पत्र गुरुवार को मिला। ओसवाल डाटा के भानूदास का कहना है कि ऑनलाइन प्रोसेस है। सर्वर डाउन होने के कारण प्रमाण पत्र बनने में देर हो जाती है।
पॉजिटिव- आर्थिक दृष्टि से आज का दिन आपके लिए कोई उपलब्धि ला रहा है, उन्हें सफल बनाने के लिए आपको दृढ़ निश्चयी होकर काम करना है। कुछ ज्ञानवर्धक तथा रोचक साहित्य के पठन-पाठन में भी समय व्यतीत होगा। ने...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.