पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
काेराेना वायरस का प्रकोप तो बिलकुल कम हो गया है, लेकिन जिन्हें यह बीमारी गंभीर हालत तक ले गई थी उनकी जान पर अब भी संकट बना हुआ है। बीते सप्ताह भर में ही ऐसे सात लोगों की मौत हो चुकी है, जाे काेराेना से उबरने के बाद पोस्ट कोविड आईसीयू में भर्ती थे। चाैंकाने वाली बात ये है कि चार महीनाें में पाेस्ट काेविड लक्षणाें के कारण बीकानेर में 85 लाेगाें की माैत हाे चुकी है। ये सभी पोस्ट कोविड आईसीयू में भर्ती थे। यह पोस्ट कोविड आईसीयू 24 सितंबर को ऐसे रोगियों के लिए शुरू किया गया था, जो कोविड हॉस्पिटल के आईसीयू में थे।
इन मरीजाें की काेराेना रिपोर्ट ताे निगेटिव थी, फिर भी उनकी हालत खराब थी। छह अक्टूबर को पाेस्ट काेविड आईसीयू में पहला रोगी शिफ्ट किया गया। इन 115 दिनों में यहां शिफ्ट हुए 177 में से 85 की मौत होना जाहिर करता है कि हर तीन दिन में दो ऐसे लोगों ने दम तोड़ दिया जो पोस्ट कोविड लक्षणों से जूझ रहे थे। डॉक्टर्स का मानना है कि बड़ी उपलब्धि यह है कि लगभग इसी हालत के 84 लोगों की जान बच गई। अभी आठ पोस्ट कोविड रोगी इस आईसीयू में भर्ती हैं।
इतने ज्यादा लाेगाें की माैत सिर्फ एक वार्ड में
पोस्ट कोविड के कारण इतनी माैत एक वार्ड में हुई है। पीबीएम के लगभग सभी मेडिसिन वार्डों में पोस्ट कोविड रोगियों को रखना पड़ा। यहां भर्ती हुए रोगी कम से कम 15 दिन तक डिस्चार्ज नहीं हो रहे थे। ऐसे में आईसीयू जितनी या इससे कहीं अधिक पोस्ट कोविड मौतें जनरल वार्डों में भी हुई।
फेफड़ाें की मजबूती के लिए ये काम जरूर करें
नियमित सांस लेने का व्यायाम
कोविड-19 से उबरने के बाद डीप ब्रीदिंग व्यायाम करने के साथ ही ध्यान लगाएं। डीप ब्रीदिंग से फेफड़े अधिक लचीले बनते हैं और आपके भीतर वायु ज्यादा प्रवेश करती है। इसके लिए आपको लंबा गहरा सांस लेना-छोड़ना होता है। पेट के बल लेटकर गहरी सांस लेने से भी ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने में मदद मिल सकती है। फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाने में प्राणायाम भी कारगर रहता है।
विटामिन-मिनरल से भरपूर खाना
विटामिन और मिनरल से भरपूर डाइट से इम्यूनिटी बढ़ती है। कुछ खास फूड्स से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जिससे सांस लेना ज्यादा आसान हाे जाता है। अत्यधिक प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड के सेवन से बचना चाहिए। प्रचुर ओमेगा-3 वाले फूड का ज्यादा सेवन करना चाहिए। ये फेफड़ों की सूजन को काबू करने में खास तौर से मददगार होते हैं और सांस संबंधी दूसरी बीमारियों के खतरे को कम करते हैं।
धूम्रपान से बचें
धूम्रपान से ना सिर्फ आपको कोविड-19 संक्रमण और ट्रांसमिशन का ज्यादा खतरा होता है बल्कि ये फेफड़ों के लिए भी काफी खराब होता है। धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से आपकी नब्ज पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे बाद में संक्रमण बढ़ने का भी जोखिम होता है। इसी कारण डॉक्टर्स का कहना है कि फेफड़ों को पूरी तरह स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और तंबाकू का सेवन हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए।
दूसरी बीमारियां भी थीं इन लाेगाें काे
मेडिसिन के एचओडी डाॅ. बीके गुप्ता ने कहा कि मौत का यह आंकड़ा चिंताजनक है, लेकिन देश और दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में देखा जाए तो पोस्ट कोविड फाइब्रोसिस या रेस्पिरेटरी फेलियर से हुई मौत हमारे यहां अपेक्षाकृत कम हैं। कोविड के दौरान ही जिनकी हालत काफी बिगड़ गई थी, वे आईसीयू में रहे, उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट दिया गया।
ऐसे अधिकांश पेशेंट्स को इस वार्ड में शिफ्ट कर हमने इलाज शुरू किया। इनमें भी ज्यादातर रोगी ऐसे थे जिन्हें कोविड से हुए लंग फाइब्रोसिस के साथ ही बीपी, शुगर, लीवर, हार्ट आदि से जुड़ी दूसरी बीमारियां थी। जिन्हें इम्युनिटी कंप्रोमाइज्ड कह सकते हैं।
भास्कर नाॅलेज
पाेस्ट काेविड का शरीर के अंगाें पर असर और सावधानियां बता रहे हैं एक्सपर्ट
पल्मनरी फाइब्रोसिस
पोस्ट कोविड मौतों की सबसे बड़ी वजह रेस्पिरेटरी फेलियर है। इस स्थिति में फेफड़े खराब होने के बाद श्वांस लेने में काफी दिक्कत होती है। इनमें से ज्यादातर ऐसे रोगी थे जिनके एचआर सीटी सीवियरिटी स्कोर 25 में से 16 से अधिक रिपोर्ट हुआ था। मतलब यह कि फेफड़े का बड़ा हिस्सा संक्रमित हो गया। जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण के कारण एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) हो जाता है, उनमें पल्मनरी फाइब्रोसिस की समस्या हो सकती है।
लंबे समय तक रह सकती है सांस फूलने की परेशानी
पल्मनरी फाइब्रोसिस में फेफड़ों की ऑक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे मरीज़ों को सांस फूलने की परेशानी लंबे समय तक रह सकती है। ज्यादा गंभीर स्थिति में घर में ऑक्सीजन भी लेनी पड़ सकती है। कोविड-19 के जिन मरीजाें में एआरडीएस देखा गया है, उनमें से एक प्रतिशत में जिंदगीभर फेफड़ों संबंधी परेशानी रह सकती है। उनके फेफड़े कमजाेर हो जाते हैं और आगे भी किसी अन्य संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। इन्हें लंबे समय के लिए अपना इलाज कराना पड़ेगा।
पल्मोनरी एम्बोलिज्म
इस समस्या का सामना भी कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों को करना पड़ रहा है। फेफड़े की धमनियों में ब्लॉकेज हो जाते हैं, जिससे फेफड़े तक खून का संचार ढंग से नहीं हाे पाता। यह बहुत गंभीर समस्या है जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। पोस्ट कोविड लक्षणों में यही दोनाें सबसे घातक हैं।
कोरोना से ठीक होने के बाद ये टिप्स जरूरी
आराम को लेकर लापरवाही ना करें
14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद भी ज्यादातर डॉक्टर्स एक और सप्ताह का आइसोलेशन पीरियड पूरा करने की सलाह देते हैं। ताकि आपके शरीर को पूरा आराम भी मिल सके और आपके द्वारा संक्रमण भी ना फैले।
डाइट में पोषक तत्वों का ध्यान रखें
डाइट में प्रोटीन की अधिक मात्रा लें। हर दिन दाल का सूप, हरी फलियां और अंडे का सेवन कर सकते हैं। हर दिन कम से कम 8 गिलास पानी पिएं, एक मुट्ठी सूखे मेवे और कोई एक फ्रूट जरूर खाएं।
हल्की एक्सरसाइज
हर दिन कम से कम 30 मिनट वॉक जरूर करनी चाहिए। वॉक के लिए घर में पर्याप्त जगह ना हो तो आप दिन में 5 से 6 बार घर की सीढ़ियां चढ़ने और उतरने का काम कर सकते हैं।
अपनी याददाश्त पर ध्यान दें
हर दिन कुछ ऐसे गेम्स खेलें, जिनसे आपके ब्रेन की एक्सरसाइज हो। जैसे लूडो, चेस, सुडोकू, याददाश्त से जुड़े कुछ मोबाइल गेम्स।
शरीर के ऑक्सीजन लेवल का ध्यान रखें
ऑक्सीमीटर की मदद से हर दिन अपना ऑक्सीजन लेवल जरूर चेक करें। ऑक्सीजन लेवल यदि 90 से नीचे जाए तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पॉजिटिव- कहीं इन्वेस्टमेंट करने के लिए समय उत्तम है, लेकिन किसी अनुभवी व्यक्ति का मार्गदर्शन अवश्य लें। धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में भी आपका विशेष योगदान रहेगा। किसी नजदीकी संबंधी द्वारा शुभ ...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.