शहर में डोर टु डोर कचरा कलेक्शन के नए सिस्टम का आगाज डॉ. करणी सिंह स्टेडियम से शुक्रवार को होगा। राज्य में बीकानेर पहला निगम होगा, जहां डोर टु डोर कचरा कलेक्शन के साथ ही यूजर चार्ज भी वसूल किया जाएगा। वर्तमान में अन्य निगमों में दोनों काम अलग-अलग तरीके से हो रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) की गाइडलाइन के तहत पहली बार डोर टु डोर कचरा कलेक्शन का काम करने वाली फर्म से ही यूजर चार्ज वसूल करने का एमओयू किया गया है। ताकि कचरा कलेक्शन से निगम पर पड़ने वाले आर्थिक भार की पूर्ति हो सके। शुक्रवार की शाम डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और पूर्व क्षेत्र की विधायक सिद्धि कुमारी 100 ऑटो टिपर को झंडी दिखाकर नए सिस्टम की शुरुआत करेंगी। कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री बीडी कल्ला को भी बुलाया गया है। लेकिन उनके वर्चुअल शामिल होने संभावना व्यक्त की जा रही है।
डोर टु डोर कचरा संग्रहण की नई व्यवस्था 16 जुलाई से शुरू की जा रही है। राज्य में बीकानेर पहला निगम है, जिसने सबसे पहले एनजीटी की गाइड लाइन के तहत नया सिस्टम शुरू किया है। शुरुआती तीन-चार महीने में जो भी दिक्कतें आएंगी उन्हें दूर किया जाएगा। निगम का उद्देश्य शहर को कचरा मुक्त कर स्मार्ट सिटी बनाना है।
-सुशीला कंवर राजपुरोहित, मेयर
डोर टु डोर कचरा संग्रहण करने वाली फर्म पहले चरण में 40 टिपर लगाएगी। निगम के 60 ऑटो टिपर भी उसे किराए पर दिए जाएंगे। इस प्रकार तीन महीने में फर्म को 150 ऑटो टिपर कचरा संग्रहण के लिए लगाने होंगे। फर्म को पैसा कचरे के तौल पर मिलेगा। इसलिए फर्म की कोशिश ज्यादा से ज्यादा कचरा कलेक्शन की रहेगी। शहर में करीब 50 हजार वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से यूजर चार्जेज की वसूली का काम भी फर्म ही करेगी।
सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी, कांग्रेसी पार्षद बोले- टिपर का विरोध करेंगे
डोर टु डोर कचरा संग्रहण को लेकर बुधवार को नगर निगम पार्षदों के एक वाट्सअप ग्रुप में लंबी बहस छिड़ गई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष जावेद पड़िहार, शिव शंकर बिस्सा और कांग्रेसी नेता सुभाष स्वामी ने टिपर का विरोध करने की घोषणा की है। उन्होंने मेयर और आयुक्त से स्पष्ट कहा है कि यदि ट्रैक्टर बंद किए तो एक भी टिपर नहीं चलने देंगे। जावेद का कहना है कि नए सिस्टम से पार्षदों को दूर रखने के पीछे मेयर की मंशा साफ नहीं है।
ट्रैक्टर से कचरा उठाने की व्यवस्था बंद होगी: वर्तमान में 80 ट्रेक्टर शहर में कचरा कलेक्शन करते हैं। ऑटो टिपर शुरू होने के बाद उनकी जरूरत कम रह जाएगी। एक महीने बाद सर्वे करके यह देखा जाएगा कि शहर में कितना कचरा उठाया जा रहा है। उसके बाद ट्रैक्टरों के बंद करने फैसला किया जाएगा। हालांकि ट्रैक्टरों की एक ट्रिप शुक्रवार से कम की जा सकती है।
भास्कर EXPLAINER
डोर टु डोर कचरा कलेक्शन के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
Q |डोर टु डोर कचरा कलेक्शन के लिए 150 ऑटो टिपर के लिए नया टेंडर करने की जरूरत क्यों पड़ी ?
A|एनजीटी के फैसला संख्या 606/18 के तहत डोर टु डोर कचरा कलेक्शन और सेग्रीकेशन सौ प्रतिशत नहीं होने पर निगम आयुक्त पर पेनल्टी का प्रावधान है। इसके अलावा एक टिपर पर एक हजार घरों से कचरा कलेक्शन का भार रहता है। शहर 1.50 लाख घरों को देखते हुए 150 टिपर तय किए गए हैं।
Q |डोर टु डोर कचरा कलेक्शन के लिए 34 करोड़ रुपए का बड़ा टेंडर क्या प्रदेश की अन्य पालिकाओं में भी किया गया है?
A|चूरू नगर परिषद ने हाल ही में ऐसा ही टेंडर किया है। दरअसल एनजीटी की नई गाइड लाइन में डोर टु डोर कचरा कलेक्शन में यूजर चार्जेज भी जोड़ दिए गए हैं। ताकि निगम अपने घाटे की पूर्ति कर सके। प्रदेश की अन्य पालिकाओं में पहले से ही टेंडर चल रहे हैं, जो पुराने नियमों के तहत हैं। नई गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश में पहला टेंडर बीकानेर निगम ने ही किया है।
Q | यूजर चार्जेज के लिए साधारण सभा की परमिशन जरूरी है क्या?
A|2019 के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार यूजर चार्ज वसूलने के लिए साधारण सभा की अनुमति की जरूरत नहीं है।
Q |डोर टु डोर कचरा कलेक्शन की नई व्यवस्था से क्या शहर कचरा मुक्त हो जाएगा?
A|शहर को सौ प्रतिशत डस्टबिन फ्री करने की कवायद है। कलेक्शन पॉइंट कम हो जाएंगे। किसी घर से कचरा नहीं उठाने पर फर्म को पैनल्टी भुगतनी पड़ेगी। फर्म को पैसा कचरे के तौल पर मिलना है इसलिए वह ज्यादा से ज्यादा कचरा उठाएगी।
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