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सुनसान पड़े प्रदेशभर के स्कूलों में 18 जनवरी से 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स की चहल-पहल लाैट आएगी। राज्य सरकार के इस आदेश के बाद बुधवार काे स्टूडेंट्स सहित संस्था संचालकाें मे भी खुशी देखी गई। कई काॅलेजाें-स्कूलाें में नई गाइड लाइन के मुताबिक तैयारियां भी शुरू हाे गई। कई अभिभावकाें-संगठनाें ने स्कूल खाेलने से पहले सुरक्षा और एहतियात के उपायाें पर विशेष ध्यान देने की जरूरत जताई है।
सरकार के आदेश के मुताबिक राज्य में मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग काॅलेज-स्कूल 11 जनवरी से ही खुल जाएंगे। इसका आशय यह माना जा रहा है कि फ्रंट लाइन से जुड़े इन स्टूडेंट्स का वैक्सीनेशन हाे सके या इस अभियान में इनका पूरा सहयाेग लिया जा सके। खासताैर पर नर्सिंग स्टूडेंट्स की पाेलियाे से लेकर काेविड वैक्सीनेशन तक में भागीदारी हाे जाएगी।
नाैवीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स की कक्षाएं 18 से शुरू करने के आदेश का असर यह हाेगा कि राज्य के लगभग 30 हजार स्कूलाें में इन चार क्लासेज के लगभग 40 लाख स्टूडेंट फिर से कक्षाओं का रुख कर पाएंगे। इसी तरह मेडिकल-नर्सिंग स्टूडेंट के लिहाज से सिर्फ बीकानेर की ही बात करें ताे एसपी मेडिकल काॅलेज में इंटर्न सहित चार बैच के 1250 मेडिकाेज काॅलेज आने के पात्र हाे जाएंगे। इनमें नए बैच के स्टूडेंट भी शामिल है। जिलेभर के नर्सिंग काॅलेजाें, जीएनएम स्कूलाें के लगभग 1350 स्टूडेंट्स की सेवाएं टीकाकरण में मिलने के साथ ही उनकी ऑफलाइन क्लासेज भी शुरू हाे सकेगी।
काेचिंग इंस्टीट्यूट भी 18 जनवरी से शुरू करने का आदेश दिया गया है लेकिन इनके लिए अलग गाइड लाइन जारी हाेगी। सभी क्लासेज में क्षमता से आधे स्टूडेंट काे बिठाने का ही आदेश दिया गया है। ऐसे में एकांतरा यानी एक दिन छाेड़कर एक दिन स्कूल-काेचिंग जाने की याेजना भी बन सकती है।
ऐसे समझें राज्य सरकार की गाइड लाइन के मुख्य बिन्दुओं को
^सरकार ने 18 जनवरी से 9वीं से 12वीं कक्षा तक स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। स्कूल संचालन के लिए एसओपी तैयार कर दी है। केंद्र सरकार, गृह विभाग और चिकित्सा विभाग की गाइडलाइन्स के आधार पर जल्दी ही स्कूलों का संचालन शुरू कर देंगे।
-गोविंदसिंह डोटासरा, शिक्षामंत्री
पेरेंट्स और स्कूल संचालकों ने कहा-अब सभी कक्षाएं शुरू की जाएं
^मेरा मानना है कि सरकार को अब पहली क्लास से सभी स्टूडेंट्स की नियमित ऑफ लाइन पढ़ाई शुरू कर देनी चाहिए।
गिरिराज खैरीवाल, प्रदेश समन्वयक पैपा
^9वीं क्लास से छोटी कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए भी ऑफलाइन शिक्षण की सबसे ज्यादा जरूरत है। उनकी क्लास भी तुरंत शुरू कर देनी चाहिए।
काेडाराम भादू, स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसाेसिएशन
^क्या सरकार यह मानती है कि काेविड का खतरा पूरी तरह टल गया? क्या टीचर्स-स्टाफ काे फ्रंट लाइनर मानते हुए वैक्सीनेटेड करेगी? क्या एक ही क्लास में बैठने वाले बच्चाें का वैक्सीनेशन करने की जरूरत है? नए स्ट्रेन के समाचार आ रहे हैं। ऐसे में उससे बचाव के इंतजामाें पर भी विचार करना चाहिए।
महेन्द्र पांडे, शिक्षाविद
^सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप ही व्यवस्थाएं करेंगे। एहतियाती उपायाें के बाद ही ऑफ लाइन क्लास शुरू कर पाएंगे। काेचिंग की गाइड लाइन का इंतजार है।
-मनाेज बजाज, काेचिंग संचालक
^सरकार अगले 12 दिनाें में शिक्षकाें के साथ ही स्कूल आने वाले बच्चाें के लिए भी एहतियाती उपाय कर सकती है। बच्चाें या शिक्षकाें में संक्रमण फैल गया, ताे जिम्मेवार काैन हाेगा। इसलिए पहले सभी एहतियाती उपाय हाेने चाहिए।
अभिषेक जैन, अभिभावक संघ
^ट्रांसपाेर्ट, क्लास सेनेटाइजेशन, टीचर-स्टाफ की सिक्याेरिटी सहित काेविड गाइड लाइन की पालन करवाने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की हाेनी चाहिए। अगर वह इसमें सक्षम है तभी स्कूल खाेलें।
अंकुर शुक्ला, सिटीजन एसाेसिएशन
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