ट्रोमा सेंटर में भर्ती मरीजों को अब सोनोग्राफी के लिए मर्दाना हॉस्पिटल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, उनकी ट्रोमा सेंटर में ही सोनोग्राफी करनी होगी। शनिवार को संभागीय आयुक्त नीरज के पवन और कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने पीबीएम सुपरिटेंडेंट को ये निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बताया कि ट्रोमा सेंटर में जब तक परमानेंट सोनोलॉजिस्ट नहीं नियुक्त हो जाता तब तक मरीजों को ऑन कॉल सोनोलॉजिस्ट की व्यवस्था उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। मरीजों की एमआरआई के लिए भी व्यवस्थाओं और स्थान की तलाश के लिए पाबंद किया है।
उल्लेखनीय है कि दैनिक भास्कर ने शनिवार को ट्रोमा का टॉर्चर ट्रीटमेंट; सोनोग्राफी-एमआरआई बंद, बाकी जांच भी ओपीडी तक शीर्षक से खबर प्रकाशित कर यहां भर्ती मरीजों को होने वाली परेशानी के बारे में बताया था। संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में दूसरे जिलों के मरीज भी भर्ती होते हैं। लेकिन यहां लंबे अर्से से सोनोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीजों को सोनोग्राफी के लिए दूसरी हॉस्पिटल जाना पड़ता है। जबकि दुर्घटनाग्रस्त मरीज को एक से दूसरी हॉस्पिटल ले जाना तकलीफदेह साबित होता है।
सोनोलॉजिस्ट को पाबंद किया: अधीक्षक
पीबीएम हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रमोद कुमार सैनी ने बताया कि ट्रोमा सेंटर में भर्ती मरीजों को अब सोनोग्राफी की सुविधा ट्रोमा सेंटर में मिले, इसके लिए सोनोलॉजिस्ट को पाबंद किया है। आवश्यकता होने पर सोनोलॉजिस्ट को ऑन कॉल बुलाया जाएगा। जिन्हें ट्रोमा सेंटर आकर मरीज की सोनोग्राफी करनी होगी। उन्होंने बताया कि संभागीय आयुक्त नीरज के पवन एवं जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के निर्देश पर ट्रोमा सेंटर की व्यवस्थाओं को और अधिक चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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