गड़बड़झाला:1 साल से 11 फाइलों के 50 लाख का भुगतान अटका सरपंच ने विरोध किया तो पुलिस गाड़ी उठा ले गई

बीकानेर3 वर्ष पहले
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जिला परिषद मुख्य गेट पर अपनी कार को खड़ी कर धरने पर बैठे अक्कासर सरपंच प्रभु दयाल गोदारा - Dainik Bhaskar
जिला परिषद मुख्य गेट पर अपनी कार को खड़ी कर धरने पर बैठे अक्कासर सरपंच प्रभु दयाल गोदारा
  • प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इसमें बड़ी राजनीति है

पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के सबसे करीब माने जाने वाले अक्कासर सरपंच प्रभु दयाल गोदारा की ग्राम पंचायतों की 11 फाइलों का 50 लाख रुपए बीते 1 साल से अटका हुआ है। सरपंच ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन उनको 1 साल से भुगतान नहीं किया जा रहा। अकाउंट विभाग ने किसी एक फाइल पर कोई ऑब्जेक्शन लगाया लेकिन उसके कारण पूरी 11 फाइलों का पूरा पैसा रोक दिया गया। सरपंच ने जब बुधवार को जिला परिषद के मुख्य द्वार पर अपनी कार खड़ी करके अकेले विरोध में बैठ गए तो प्रशासनिक अधिकारियों के इशारे पर पुलिस जाकर उनकी कार उठा लाई।

इसके बाद सरपंच भुगतान छोड़ अपनी कार छुड़ाने के लिए एसपी से मिले। भुगतान तो दूर की बात उल्टे कांग्रेस के बहुत पुराने माने जाने वाले इस सरपंच को अपनी ही सरकार में मुंह की खानी पड़ी। सरपंच गोदारा का आरोप है कि जिला परिषद के एक अधिशासी अभियंता ने अकाउंट विभाग में लगाए गए ऑब्जेक्शन पर व्यक्तिगत मिलने के लिए कहा था। उनसे नहीं मिला इसलिए मेरा भुगतान नहीं हो रहा है। सरपंच ने बातों ही बातों में भ्रष्टाचार की ओर संकेत कर दिया।

यह वही अधिशासी अभियंता हैं जिन्हें अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज पांच बार जिला परिषद के सीईओ और कलेक्टर को पत्र लिखकर हटाने के लिए कह चुके हैं। लेकिन बीकानेर कलेक्टर और सीईओ के आगे अतिरिक्त मुख्य सचिव का पत्र भी बौना साबित हो गया है।  इसलिए बीते डेढ़ साल से अतिरिक्त मुख्य सचिव कलेक्टर और सीईओ को पत्र लिख रहे हैं लेकिन न जाने ऐसी क्या मजबूरी प्रशासन की है कि अधिकारी इन से मोह नहीं हटा पा रहे। उल्टा रोज जिला परिषद को किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है। खुद निवर्तमान जिला प्रमुख सुशीला सीवर भी इनको हटाने के लिए सरकार तक जा चुकी हैं।

अधिकारियों ने बताया राजनीति तो यूं समझें तार
दरअसल प्रभु दयाल गोदारा तीसरी बार सरपंच बने हैं। वे पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के करीबी हैं। कोलायत विधानसभा में इस सरपंच की अच्छी पैठ है। डूडी के इशारे पर उन्होंने बीते विधानसभा चुनाव में भंवर सिंह भाटी को जिताने में महती  भूमिका निभाई थी लेकिन कुछ समय पहले से भाटी और गोदारा के बीच मतभेद हो गए। उसके बाद जिला परिषद में सरपंच की अनसुनी होने लगी। जिस अधिशासी अभियंता पर गोदारा को बार-बार भुगतान न करने के आरोप लग रहे हैं।
उनको पहले हटाए जाने से बचाने में निवर्तमान जिला प्रमुख की भूमिका थी लेकिन बाद में अधिशासी अभियंता और निवर्तमान जिला प्रमुख के बीच अनबन हो गई और जिला प्रमुख अभियंता को हटाने के लिए कई पत्र सरकार को लिख चुकी हैं।

^11 फाइलों का पैसा किस वजह से अटका है इस पर हमने सरपंच की समझाइश की है एक फाइल में अकाउंट विभाग ने ऑब्जेक्शन लगाया था रही बात एक्सियन को हटाने की तो हमने अतिरिक्त मुख्य सचिव के पत्र का जवाब दे दिया है। नरेंद्र पाल सिंह, सीईओ, जिला परिषद ^1 साल हो गए मेरी 11 अलग-अलग फाइलें हैं एक फाइल पर अब एकाउंट डिपार्टमेंट ने ऑब्जेक्शन लगाया तो बाकी 10 फाइलों का भुगतान क्यों रोका गया है मैंने इसकी शिकायत की तो जिला परिषद में इकलौते अधिशासी अभियंता ने हमें दूरभाष पर मिलने के लिए कहा था हम नहीं मिले इसलिए आज भी मेरा भुगतान अटका हुआ है उल्टा पुलिस मेरी गाड़ी भी उठा ले गई। प्रभु दयाल गोदारा,सरपंच, अक्कासर

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