सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम की समीक्षा बैठक बुधवार को कलेक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र के गांवों में करवाए जा रहे कार्यों को समयबद्ध पूरा करते हुए इनके उपयोगिता प्रमाण पत्र जिला परिषद को भेजे जाएं। कलेक्टर ने बीएडीपी में स्वीकृत कार्यों के वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि विभागीय अधिकारी भी इनकी नियमित मॉनिटरिंग करें।
उन्होंने कहा कि उपयोगिता प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को नए विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव भेजे जाते हैं। इसके मद्देनजर संबंधित विभाग सीमा क्षेत्र में पेयजल, स्कूल भवन निर्माण, चिकित्सा सुविधा, सड़क एवं विद्युत विकास कार्यों के लिए स्वीकृत राशि से कार्य पूरे करवाकर, उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजें।
उन्होंने निर्देश दिए कि यदि जन प्रतिनिधियों द्वारा नए विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए गए हैं तो उनका तकमीना बनाकर, जिला परिषद को तत्काल भेज जाए। इन विकास कार्यों की राशि का सही आंकलन और कार्यों की उपयोगिता का प्लान तैयार किया जाए।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 587 लाख रुपए के पूर्ण हो चुके कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र जिला परिषद को भेजे है। वहीं 1275.18 लाख रुपए के कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने बाकी हैं। बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता डीपी सोनी, जलदाय विभाग के अधिशाषी अभियंता विजय वर्मा सहित जोधपुर वितरण निगम व बीएसएफ के अधिकारी माैजूद थे।
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