बैंकों की लापरहवाही:कोस्ट कटिंग के चक्कर में सुरक्षा से हो रहा समझौता, अधिकांश बैंक बिना गार्ड के, कहीं सीसीटीवी कैमरे ही नदारद

बीकानेर2 वर्ष पहले
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बीकानेर के मुक्ताप्रसाद नगर के इसी बैंक में लूट की वारदात हुई थी। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar
बीकानेर के मुक्ताप्रसाद नगर के इसी बैंक में लूट की वारदात हुई थी। (फाइल फोटो)
  • बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने ग्रामीण बैंक के आला अधिकारियों को दी सूचना

राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक (RMGB) सहित प्रदेश के कई बैंकों में सुरक्षा के नाम पर कोई प्रबंध नहीं है। बीकानेर के इस बैंक सहित एक डाकघर में हुई लूट के बाद पुलिस ने बैंक के आला अधिकारियों को लापरवाही से अवगत कराया है। बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) प्रफुल्ल कुमार ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान किसी बैंक कर्मी की भूमिका अब तक नहीं मिली है लेकिन लापरवाही हर कदम पर नजर आई है। राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में कोई भी सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं था। इसके अलावा जिस तरफ सेफ लगाई गई है, वहां भी सुरक्षा का प्रबंध नहीं है। इतना ही नहीं किसी तरह की गड़बड़ी होने पर हूटर बजाने जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी,जिससे लोग सहायता के लिए आ सकें। IG ने बताया कि मरुधरा ग्रामीण बैंक के अधिकारियों के साथ पिछले दिनों जोधपुर में हुई बैठक में इन सभी अनियमितता से अवगत कराया गया था। आला अधिकारियों को इस संबंध में पूरी रिपोर्ट दी जा रही है।

अत्याधुनिक संसाधन लेने चाहिए

IG ने बताया कि अगर बैंक कोस्ट कटिंग करने के लिए गार्ड व अन्य कर्मचारियों को हटा रही है तो उसे सावधानी बरतने के लिए कई तरह के उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। सुरक्षा उपकरणों के बारे में बैंकों को गंभीरता से सोचना चाहिए।

बैंकों में क्या रही लापरवाही ?

1. ग्रामीण बैंकों में गार्ड की ड्यूटी नहीं है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति यहां पर हमला कर सकता है।

2. इन बैंकों में कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर घुस सकता है, क्योंकि छानबीन करने का प्रबंध ही नहीं है।

3. तिजाेरी के आसपास सुरक्षा की कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं है। गार्ड नहीं है तो कोई बैंक स्टाफ के बीच से होकर भी वहां तक पहुंच सकता है।

4. सीसीटीवी कैमरों की क्वालिटी भी काफी कमजोर होती है, जिससे लूट के समय तमाम दृश्य नजर ही नहीं आते हैं।

5. किसी तरह का कोई अलार्मिंग सिस्टम ही बैंक में उपलब्ध नहीं है, जिससे कि लूट होने पर आसपास के लोगों को सूचना दी जा सके।

6. डाकघरों में ज्यादा स्थिति खराब है, जहां ग्रामीण डाकघरों में तो तिजोरी भी नहीं होती। डाकिया ही सुबह से शाम तक हुए कलेक्शन अपने पास रखता है। कहीं तिजोरी है तो सुरक्षा के प्रबंध नहीं है।

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