जोधपुर ATM लूट में पुलिस का मिस फायर:जिस गाड़ी को लुटेरों की समझकर पीछा कर रही थी तीन जिलों की पुलिस

बीकानेर4 महीने पहले
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जोधपुर में एक एटीएम लूट के मामले में पुलिस जिस बोलेरो गाड़ी का पीछा करते हुए बीकानेर तक पहुंची, दरअसल, उसमें टैंट का सामान ला रहे मजदूर थे। पुलिस ने दो दिन की सख्त पूछताछ के बाद इन मजदूरों को छोड़ दिया और कब्जे में ली बोलेरो भी सौंप दी। गुरुवार की देर रात पुलिस ने इन युवकों को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी।

दरअसल, जोधपुर के एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के शिकारगढ़ स्थित मिनी मार्केट में सोमवार देर रात एटीएम लूट हुई थी। जोधपुर पुलिस सभी टोल नाकों पर नजर रखे हुए हैं। इसी दौरान एक बोलेरो गाड़ी काफी स्पीड के साथ बीकानेर की ओर बढ़ रही थी। पुलिस काे शक था कि इसी गाड़ी में एटीएम लूट करने वाले भाग रहे हैं। ऐसे में सभी टोल नाकों पर नजर रखते हुए बीकानेर पुलिस को सूचना दी गई। गुरुवार रात बीकानेर पुलिस ने होटल ढोला मारु के पास इस गाड़ी को अपने कब्जे में लिया। बड़ी संख्या में हथियारबंद पुलिस भी मौके पर पहुंचे। बोलेरो गाड़ी के साथ आए सभी मजदूरों को बीकानेर की सदर पुलिस ने हिरासत में लिया। बीकानेर पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि ये मजदूर है लेकिन जोधपुर पुलिस ने नहीं माना। बाद में खुद जोधपुर पुलिस ने इनसे पूछताछ की। कुछ भी हाथ नहीं लगा तो मजदूरों को छोड़ दिया गया।

दौसा नंबर की थी गाड़ी

पिछले दिनों नकाबपोश आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम को जंजीरों से बांधकर उसे उखाड़ा और उठाकर ले गए थे। जिस गाड़ी में आरोपी एटीएम को लेकर गए, वह दौसा जिले से रजिस्टर्ड थी। सदर थाने के एसएचओ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि गुरुवार रात को उन्हें जोधपुर पुलिस से सूचना मिली कि दौसा नंबर की एक संदिग्ध गाड़ी बीकानेर की तरफ जा रही है। सूचना मिलने के बाद बीकानेर जिला पुलिस भी अलर्ट हो गई। इस गाड़ी के नागौर टोल नाके से निकलने की सूचना के बाद इसका जोधपुर पुलिस लगातार पीछा कर रही थी, लेकिन जोधपुर पुलिस को यह गाड़ी नहीं मिली। इसी दौरान अलर्ट मोड में ढोला मारू होटल के पास खड़ी बीकानेर पुलिस ने गाड़ी को रुकवा लिया।

शादी में डोम लगाने आए थे मजदूर

दरअसल, ये मजदूर बीकानेर में शादी के लिए डोम लगाने के लिए आए थे। इनके पास भी दौसा नंबर की गाड़ी ही थी, इसीलिए पुलिस को असमंजस हो गया। आमतौर पर दौसा नंबर की गाड़ियां बीकानेर की तरफ नहीं आती है। डोम बांधने के लिए आठ से दस मजदूर आए थे और बताया जा रहा है कि लूट में भी इतने ही लोग शामिल थे।