बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के करीब तीन सौ रेजीडेंट डॉक्टर्स इन दिनों हड़ताल पर चल रहे हैं। नीट पीजी की काउंसलिंग सहित अनेक मुद्दों के लिए आंदोलन कर रहे रेजीडेंट्स की अनुपस्थिति में पहले ही दिन व्यवस्थाएं प्रभावित हो गई थी, जो अब पूरी तरह लड़खड़ा गई है। इमरजेंसी वार्ड में रेजीडेंट्स काम कर रहे हैं।
तीन दिन से रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण अस्पताल के आउटडोर, मेडिसिन विभाग, डेंगू वार्ड, हड़डी रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग, कान नाक व गला रोग विभाग में रोगियों को परेशानी हो रही है। इन वार्डों में ही सबसे ज्यादा रोगी होते हैं और यहीं पर रेजीडेंट्स नहीं है। यहां रेजीडेंट्स आउटडोर संभालते हैं व सीनियर डॉक्टर सीरियस रोगी को ही देख पाते हैं। अब हालात ये है कि सीनियर डॉक्टर को ही सारा काम संभालना पड़ रहा है।
क्या है मामला
बीकानेर में फर्स्ट इयर, सेकंड इयर और थर्ड इयर की करीब साढ़े चार सौ रेजीडेंट्स की सीट है। इनके लिए मई में काउंसिलंग हो जाती है। इस बार नया बेच अब तक नहीं आया है। ऐसे में साढ़े चार सौ रेजीडेंट्स का काम तीन सौ रेजीडेंट्स को करना पड़ रहा है। दिन में बीस घंटे तक ड्यूटी देने वाले रेजीडेंट्स का कहना है कि सरकार की लापरवाही के कारण न सिर्फ हमें काम ज्यादा करना पड़ रहा है बल्कि रोगियों को भी दुविधा हो रही है। जिस वार्ड में चार रेजीडेंट होने चाहिए, वहां सिर्फ दो डॉक्टर काम कर रहे हैं। आउटडोर में डेंगू के कारण रोगियों की संख्या तीन गुना बढ़ गई लेकिन रेजीडेंट डॉक्टर पहले से कम हो गए। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉ. महिपाल नेहरा ने माना कि इससे रोगियों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन से अगर नए बैच आते हैं तो इससे रोगियों को ही लाभ होगा।
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