बीकानेर से करीब 35 किलोमीटर दूर गजनेर में गोचर भूमि की रक्षा के लिए धरने पर बैठी महिला सरपंच और उसके समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई ग्रामीणों को चोटें आई हैं। जवाब में ग्रामीणों ने भी पथराव शुरू कर दिया। इसमें पुलिस की कार का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया। मामला गरमाता देख भारी संख्या में पुलिस बल बुला लिया गया। पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है।
यह है मामला
गजनेर में गोचर भूमि है। नपाई नहीं होने के कारण यह स्पष्ट ही नहीं हो रहा कि गोचर कितनी है और सरकारी जमीन कितनी है। ऐसे में गजनेर की सरपंच गीता कुम्हार लंबे समय से आंदोलन कर रही हैं। इस छोटी सी मांग को पूरा करने की बजाय प्रशासन इसे टालता रहा है। पिछले 200 दिन से सरपंच अपने समर्थकों के साथ यहां धरना दे रही हैं। मंगलवार को इसी मांग के समर्थन में गजनेर का बाजार बंद रखा गया।
तहसीलदार से हुई थी बात
सोमवार को सरपंच और तहसीलदार के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में यहां प्रदर्शनकारी बैठे थे। पुलिस ने इनको हटने के लिए कहा, लेकिन कोई नहीं हटा। बातचीत के दौरान दोनों तरफ से तनातनी हो गई। बात इतनी बढ़ी कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। अचानक हुए इस हमले से ग्रामीण हतप्रभ रह गए। तीन-चार ग्रामीणों को चोटें भी आईं। पुलिस ने इन लोगों को हिरासत में ले लिया। वहीं प्रदर्शनकारियों की ओर से किए गए पथराव में पुलिस की गाड़ी के शीशे टूट गए।
मौके पर तनाव
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल हो गया है। पुलिस लाठीचार्ज का जमकर विरोध किया जा रहा हे। 200 दिन से शांतिपूर्ण चल रहे धरने का निष्कर्ष नहीं निकाल पाने वाले अधिकारियों के इशारे पर लाठीचार्ज किया गया। आंदोलनकारी कम थे और पुलिस के लठ चलाने वाले जवान ज्यादा थे। मौके पर महिला पुलिसकर्मी भी थीं।
कंटेेंट व फोटो : विनोद मोदी, गजनेर
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