राजस्थान में बंद पड़े सरकारी स्कूलों को अब अगस्त में ही खोलने की उम्मीद की जा रही है। राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल तक खोल दिए गए हैं, लेकिन स्कूलों पर शिक्षा विभाग की सहमति के बाद भी कोई निर्णय नहीं हो पाया। दरअसल, सरकार तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने से आशंकित है और कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। हालांकि, इस बार एग्जाम को लेकर सक्रियता रहेगी, ताकि पिछले दो सालों की तरह छात्रों को प्रमोट नहीं करना पड़े।
पिछले दिनों कैबिनेट मीटिंग से पहले शिक्षा विभाग ने पंद्रह जुलाई से नौंवी से बारहवीं तक के स्कूल खोलने का प्रस्ताव दिया था। बताया जाता है कि गृह विभाग ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया, क्योंकि बच्चों का अभी वैक्सीनेशन नहीं हुआ। तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित होते हैं तो इसका ठीकरा सरकार पर फूट सकता है। शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए प्रस्तावों में हवाला दिया गया था कि सीनियर स्टूडेंट्स के साथ स्कूल खोले जा सकते हैं।
प्रैक्टिकल देने आ रहे हैं स्टूडेंट्स
प्रदेशभर में दस-दस के बैच में स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल एग्जाम देने तो स्कूल आ रहे हैं, लेकिन पढ़ने के लिए नहीं आ सकते। अधिकांश स्कूलों में दस से ज्यादा स्टूडेंट्स ही एक साथ पहुंच रहे हैं। 12वीं क्लास के ये स्टूडेंट्स पूरे राज्य में स्कूल तक गए हैं, साथ भी बैठे, लेकिन कहीं से कोई बुरी खबर नहीं आई है।
पहले भी खुले स्कूल, पर बच्चे सुरक्षित
दूसरी लहर से पहले भी स्कूल तीन महीने के लिए खुले थे, स्कूलों में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स साथ पहुंच रहे थे लेकिन दूसरी लहर में संक्रमित होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या नहीं थी। खुद शिक्षा विभाग ने अब तक यह आंकड़े चिकित्सा विभाग से नहीं लिए हैं कि कितने बच्चे संक्रमित हुए। तब कक्षा छह से बारह तक के स्कूल ओपन हो गए थे।
सरकारी टीचर्स वैक्सीनेट हो चुके
राज्य सरकार ने स्पेशल स्लॉट देकर प्रदेश के सभी प्राइमरी और सेकेंडरी लेवल के टीचर्स को एक साथ वैक्सीनेट किया था ताकि स्कूल खुलने पर इन टीचर्स को समस्या नहीं हो। हालांकि इसका लाभ ये मिला कि अब वैक्सीनेट टीचर्स बच्चों के घर जाकर पढ़ा रहे हैं तो समस्या नहीं है।
प्राइमरी स्कूल तो अगस्त में भी नहीं
विभागीय सूत्रों की मानें तो पहली से पांचवीं तक के स्कूल निकट भविष्य में भी नहीं खुलने वाले हैं। तीसरी लहर के अगस्त में सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है, ऐसे में विभाग अगस्त तक कोई रिस्क इन बच्चों पर नहीं लेगा। ये भी संभव है कि वैक्सीनेशन के बाद ही छोटे बच्चों को स्कूल की परमिशन दी जाये। ऐसे में अगस्त से आगे भी मामला बढ़ सकता है।
कॉलेज में एग्जाम होंगे पढ़ाई नहीं
कॉलेज शिक्षा में भी अजीब हालात है। यहां स्टूडेंट्स को पढ़ने के लिए तो नहीं बुलाया जा रहा है, लेकिन 26 जुलाई से एग्जाम हो रहे हैं। राज्य सरकार ने बाकायदा इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। बीकानेर का महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी ने इसके लिए कार्यक्रम तय कर दिया है।
बच्चों को यहां जाने पर रोक नहीं
राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर दी जाने वाली ढील के बाद अब लगभग सब कुछ अनलॉक हो चुका है। ऐसे में इन स्थानों पर बच्चे बड़ी संख्या में नजर आ रहे हैं। यहां तक कि पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे लोग भी अपने साथ बच्चों को लेकर जा रहे हैं। रेल, बस, बाजार सब जगह बच्चों की उपस्थिति है।
... क्योंकि मंशा ये है
स्कूल में बच्चे एक साथ एकत्र होते हैं और साथ में खेलते हैं, टिफिन शेयर करते हैं। ऐसे में उनमें संक्रमण का भय रहता है। वहीं अन्यत्र जाने पर बच्चे अपने अभिभावकों के नियंत्रण में रहते हैं। जहां संक्रमण का खतरा कम होता है।
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