• Hindi News
  • Local
  • Rajasthan
  • Bikaner
  • The Wall Under The Cooler Broke And The Watchdog Kept Sleeping, Dasot Said That The Prisoners Will Be Punished With The Detainees

नोखा जेल ब्रेक में लापरवाही या मिलीभगत:कैदियों ने 3-4 फीट दीवार तोड़ी, कूलर हटाया; प्रहरियों की नींद ऐसी कि आवाज तक नहीं आई, DGP बोले- जेल स्तर पर लापरवाही हुई

बीकानेर2 वर्ष पहलेलेखक: अनुराग हर्ष
  • कॉपी लिंक
जेल की दीवार के ऊपर कंबल से इस तरह रस्सी बनाकर फरार हुए 5 कैदी। - Dainik Bhaskar
जेल की दीवार के ऊपर कंबल से इस तरह रस्सी बनाकर फरार हुए 5 कैदी।

राजस्थान में बीकानेर की नोखा जेल से 5 कैदी फरार हो गए हैं। नोखा उप-कारागार में यह घटना मंगलवार रात करीब ढाई बजे हुई। इस जेल ब्रेक में जेल प्रहरियों की लापरवाही सामने आई है। साथ ही मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

नोखा के उप-कारागार में रात ढाई बजे दीवार को तोड़ा गया। करीब 3-4 फीट दीवार तोड़ी गई। इसके बाद भी जेल प्रहरियों की कुंभकर्णी नींद नहीं खुली। उधर कैदियों ने दीवार को तोड़ने के बाद कूलर हटाया, ईंट गारे को इधर-उधर किया गया। बंदी वहां से छत पर गए, यहां कंबल को रस्सी बनाकर एक के बाद एक बाहर कूद गए। पांच बंदी पहले पांच फीट ऊंची दीवार से नीचे उतरे और बाद में 30 फीट चलकर दूसरी नौ फीट ऊंची दीवार को लांघकर बाहर चले गए। इतना ही नहीं, जेल के आसपास पहले से एक वाहन खड़ा हुआ था, जिसमें सवार होकर पांचों बंदी भाग निकले। इस सारे घटनाक्रम के बीच जेल में तैनात किसी प्रहरी को कानोंकान खबर हुई नहीं या फिर जानबूझकर कानों में रूई दबाकर बैठे थे, यह जांच का विषय है। बहरहाल, राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (जेल) राजीव दासोत का कहना है कि बंदियों ने अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल की है।

नोखा शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित इस जेल के आसपास ज्यादा आबादी नहीं है। जेल के एक तरफ पूरी तरह सुनसान क्षेत्र है। ऐसे में बंदियों को यहां से निकलने में कोई समस्या नहीं हुई। आसपास कहीं कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा हुआ है। जेल के अंदर भी कोई कैमरा नहीं है।

सबसे बड़ा सवाल

बंदी रात के करीब ढाई बजे फरार हुए हैं और जेल प्रहरियों को सुबह साढ़े पांच बजे इस घटना का पता चला। इसेस कैदियों को भागने के बाद लंबी दूरी तय करने का पूरा अवसर मिला है। जेल में तैनात प्रहरी की ड्यूटी है कि वो बार-बार बैरक को चैक करें कि वहां कोई हलचल तो नहीं है। आमतौर पर बंदी दरवाजे बंद करके, बैरक के ताला लगाकर सो जाते हैं। यह लापरवाही से हुआ या फिर जानबूझकर यह जांच का विषय है। इसी से जुड़ा दूसरा सवाल यह है कि सुबह साढ़े पांच बजे ही पता क्यों चला? संभवत: दूसरी पारी के प्रहरी ड्यूटी पर आने वाले थे।

बाहरी व्यक्ति शामिल है, पर कैसे?

इस पूरे घटनाक्रम में बाहरी व्यक्ति भी शामिल है, तभी वाहन की व्यवस्था हो सकी है। जेल में बंदियों के पास मोबाइल सुविधा उपलब्ध रही है या फिर किसी ने बाहर से आकर सीधे बातचीत की है। जिनसे बातचीत की है, वो बंदी अंदर कैसे आया? कोरोना काल में बंदियों को बाहरी से मिलने की इजाजत आसानी से नहीं मिल पा रही है। अंदर अगर मोबाइल रहा है तो जिम्मेदारी किसकी है?

क्षमता से कम बंदी, फिर भी लापरवाही

इस जेल की क्षमता करीब 106 बंदियों की है। यहां अभी सिर्फ 43 बंदी ही हैं। इतने कम बंदी होने के बावजूद जेल प्रहरी इनको भागने से रोक नहीं पाये। ड्यूटी पर तैनात जेल प्रहरियों की संख्या 12 है। ऐसे में चार-चार प्रहरियों की ड्यूटी संभवत: आठ आठ घंटे लग रही होगी। इतनी कम संख्या में प्रहरी भी बड़ी समस्या है लेकिन अगर कोई सजग होता तो वो तुरंत पुलिस को सूचना देकर जाब्ता बुला सकता था, हाथों-हाथ वापस पकड़ भी सकता था।

राजस्थान में एक और जेल ब्रेक:बीकानेर की नोखा जेल से रात ढाई बजे 5 कैदी फरार; पहले दीवार और खिड़की तोड़ी फिर कंबल की रस्सी बनाकर भागे

पुलिस महानिदेशक (जेल) दासोत से दैनिक भास्कर की खास बातचीत

नोखा जेल ब्रेक हो गई, पांच बंदी फरार हो गए। क्या कहेंगे?

बंदियों ने अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल की है। वो कुछ ही दिन में फिर जेल के अंदर होंगे और अब उन्हें पैराेल सहित अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल सकेगी।

जेल में सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हुए हैं, क्यों?

हर जेल में सीसीटीवी कैमरे नहीं होते। पहले चरण में हमने जिला स्तर की जेल में कैमरे लगाए हैं। अब धीरे धीरे छोटी जेल में भी लगेंगे।

इस पूरे घटनाक्रम में किसकी भूमिका संदिग्ध है?

निश्चित रूप से जेल स्तर पर लापरवाही हुई है। इस पूरे मामले की जांच के आदेश हो चुके हैं। हम न सिर्फ बंदियों को जल्द से जल्द पकड़ लेंगे बल्कि इस घटना में शामिल अन्य लोगों को भी सजा दिलाएंगे।

जेल की दीवार बहुत छोटी है, जिसे कूदकर भागे, ऐसा क्यों?

नोखा जेल से बंदी करीब 20 फीट की दीवार से कूदकर भागे हैं। इससे बाहर की दीवार करीब आठ फीट की है। प्रदेश की बहुत सारी जेलों में तो बाहर दीवार ही नहीं है। नोखा की जेल में कम से कम बाहर दीवार तो है।

बंदियों की गिरफ्तारी का प्रयास?

हां, नाकेबंदी करके पकड़ने का प्रयास रहेगा। बीकानेर डीजी, एसपी सहित सभी अधिकारी इस काम में जुट गए हैं। मैं मौके पर पहुंच रहा हूं। हम हर हाल में बंदियों को वापस अंदर करेंगे। इस मामले में लापरवाही करने वालों को भी बख्शा नहीं जायेगा। बंदियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जायेगी।

खबरें और भी हैं...