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महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलपति अवार्ड से सम्मानित हनुमानगढ़ के श्रीविजयनगर की सुमन स्वामी अब इसी विश्वविद्यालय में एक दिन के लिए कुलपति बनेंगी। कुलपति विनोद कुमार सिंह ने हनुमानगढ़ में इसकी घोषणा की। सुमन स्वामी के कुलपति बनने की तिथि अभी तय नहीं है, लेकिन एक दिन का कुलपति बनने की घोषणा ने उच्च शिक्षा में एक नया रिकॉर्ड दर्ज कराया है। अब तक प्रदेश के किसी भी विवि में इस तरह का प्रयोग नहीं किया गया। कुलपति विनोद कुमार सिंह ने बताया एक दिन के लिए पूरे समय कुलपति का पूरा प्रोटोकॉल सुमन के साथ रहेगा। वे न सिर्फ कुलपति की कुर्सी पर बैठेंगी बल्कि सभी संकाय अध्यक्ष के साथ मीटिंग कर विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी लेंगी। कुछ फाइलों पर हस्ताक्षर भी करेंगी।
कुलपति सिंह ने कहा, जैसे हिमाचल में एक दिन के लिए एक छात्रा को मुख्यमंत्री बनाया गया था, उसी से हमें यह प्रेरणा मिली कि छात्राएं जिस गति से प्रगति कर रही हैं उनकी हौसला अफजाई सारे समाज और प्रशासन को करनी चाहिए।
उसी दिशा में हमने यह कदम उठाया है। आज के आंकड़े देखें तो लगभग सभी परीक्षाओं में छात्राएं आगे हो रही हैं। बड़ी खुशी होती है जब बेटियां आगे बढ़ती हैं। जरूरत है उन्हें वह सभी सुविधा तंत्र मुहैया कराने की, जिससे उनकी शिक्षा में कोई बाधा ना आए और प्रोत्साहन मिले।
बकौल कुलपति, मैंने बचपन से छात्राओं की पढ़ाई के बारे में गहराई से अध्ययन किया है और पाया कि दो दशक पहले तक छात्राओं को शिक्षा से वंचित किया जाता रहा है। लेकिन जैसे ही उनको मौका मिला उन्होंने प्रतिभा का लोहा मनवाया। मुझे छात्राओं के बढ़ते हौसले से ही यह प्रेरणा मिली कि क्यों ना उन्हें इतना इनक्रीज किया जाए कि वह अपनी मंजिल को आसानी से पा सके। यह निर्णय भी छात्राओं को प्रेरित करने के लिए एक छोटा सा कदम है।
हनुमानगढ़ की रहने वाली हैं सुमन
हनुमानगढ़ जिले के श्रीविजयनगर स्थित डडा पम्माराम पीजी कन्या महाविद्यालय की छात्रा सुमन स्वामी ने स्नातक में 1800 में से 1145 मार्क्स हासिल किए थे। सामाजिक विज्ञान संकाय के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विषय में 900 में से 720 मार्क्स हासिल किए थे। पिछले महीने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्हें कुलपति अवार्ड देने का ऐलान किया गया था।
नहीं आएगी कोई कानूनी अड़चन
कुलपति ने बताया कि सुमन स्वामी को ऑनरेरी रूप से एक दिन का कुलपति बनाया जाएगा। वह एक-दो फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकती हैं लेकिन पॉलिसी निर्णय नहीं ले सकती। इसलिए इसमें न तो विश्वविद्यालय को बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के परमिशन की जरूरत है और ना ही राजभवन से।
एक दिन की प्रस्तावित कुलपति सुमन स्वामी से भास्कर की बातचीत
फीस में कॉलेजों की मनमानी बंद हो
Q| वर्तमान समय में उच्च शिक्षा में क्या ऐसी व्यवस्थाएं हैं जिनमें आप परिवर्तन देखना चाहती हैं?
A| बड़े शहरों की मुझे पता नहीं, लेकिन छोटे शहरों में निजी कॉलेज फीस को लेकर मनमानी करते हैं। तमाम चीजों के नाम पर इतना पैसा वसूला जाता है कि अभिभावकों की कमर टूट जाती है। मैं खुद ऐसे कई परिवारों की बेटियों को जानती हूं, जिन्होंने निजी काॅलेजों में फीस के अलावा बहुत पैसा इसलिए दिया, क्योंकि उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखनी थी। ये मनमानी बंद होनी चाहिए। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन सख्त रहेगा, तो इस पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।
Q| प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा और उनकी स्थिति के बारे में आपका क्या सोचना है?
A| गांवों में लड़कियां कई किलोमीटर चलकर कॉलेजों में जाती हैं। उनके साथ तमाम तरह की ऐसी घटनाएं होती हैं, जो काफी शर्मनाक है। विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि कॉलेजों को पाबंद करें कि उनके वाहन ही छात्राओं को घर से लें और घर छोड़ें, ताकि वे खुद को कॉलेज जाने और आने में सुरक्षित महसूस कर सकें।
Q| बतौर कुलपति आप क्या निर्णय करेंगी।
A| मुझे पता है विवि कैंपस में काफी महिला स्टाफ है। छात्राएं भी पढ़ने आती हैं। मैं ऐसी व्यवस्था चाहूंगी, जिससे विवि का वाहन ही महिला स्टाफ और छात्राओं को घर से ले और वापस घर छोड़े। नॉमिनल किराया भी इसके लिए तय हो। लेकिन छात्राओं की यात्रा सुरक्षित रहे, यह बड़ा मुद्दा है।
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