बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्कूल को देखकर किसी प्राइवेट कॉलेज में पहुंचने जैसा अहसास हो रहा है। नर्सिंगकर्मी तैयार करने वाले इस स्कूल में पिछले कुछ समय में भामाशाहों के सहयोग से इतना काम किया गया है कि ये अब किसी प्राइवेट स्कूल की तरह नजर आ रहा है। स्मार्ट क्लास में इंटरेक्टिव बोर्ड, फ्री वाईफाई, आधुनिक सुविधाओं वाले लेक्चर रूम से इस नर्सिंग स्कूल का लुक पूरी तरह बदल गया है।
नर्सिंग स्कूल प्रिंसिपल अब्दुल वाहिद ने बताया कि नर्सिंग स्कूल के भवन का दानदाताओं व नर्सिंग विद्यार्थियों के सहयोग से भवन के नवीनीकरण व जीर्णोद्वार कार्य करवाया गया है। करीब दस लाख रुपए का सहयोग मिला। इससे स्कूल में बहुत कुछ बदल गया। खास बात ये है कि इस काम में नर्सिंग स्टूडेंट्स ने भी जमकर सहयोग किया। परिसर में रंगरोगन, मरम्मत आदि करके 150 छात्रों की क्षमता के चारो नर्सिंग लैक्चरर हॉल को फ्री वाईफाई सुविधा के साथ स्मार्ट क्लास रूम के रूप में विकसित किया गया है। प्रत्येक क्लास रूम में लोहे व लकड़ी की नई बैंचें, स्मार्ट एल.ई.डी. टीवी कम इन्ट्रेक्टिव बोर्ड, स्पीकर माईक, ऑडियों सिस्टम और 16 सीसीटीवी कैमरे लगााए गए हैं। इसके अलावा आरओ वाटर सुविधा, शौचालयों का नवीनीकरण, स्कूल का बोर्ड, लकडी का कार्य, लोहे का कार्य बिजली, पानी सहित विभिन्न सुविधाएं विकसित की गई है।
इंटरेक्टिव बोर्ड से होगी पढ़ाई
अब टीचर्स इंटरेक्टिव बोर्ड से पढ़ा सकेंगे। इसमें किसी भी चेप्टर के वीडियो के साथ स्टूडेंट्स को समझाया जा सकेगा। एक से डेढ़ लाख रुपए तक के इंट्रेक्टिव बोर्ड इन दिनों बीकानेर के अनेक प्राइवेट स्कूल्स में लगाए गए हैं। इन बोर्ड पर पीपीटी फाइल्स के साथ ही ब्लेक एंड व्हाइट बोर्ड की तरह काम हो सकता है।
स्टूडेंट्स ने की शुरूआत
नर्सिंग स्कूल के स्टूडेंट्स ने सबसे पहले अपने क्लास रूम को तैयार करने का बीड़ा उठाया था। क्लास रूम के लिए स्टूडेंट्स ने अपने स्तर पर फंड एकत्र किया तो स्कूल प्रिंसिपल अब्दुल वाहिद भी साथ में जुड़ गए। इसके बाद तो लाखों रुपए का काम नर्सिंग स्कूल में हो गया। प्रिंसिपल वाहिद का कहना है कि सरकारी अधिकारियों के सहयोग से भी काफी काम हो रहा है।
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