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नवंबर से 7.31 लाख लोगों को नहीं मिलेगा निशुल्क गेहूं:प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर लगा ब्रेक, 10 के बजाय 5 किलो ही मिलेगा,

बूंदी8 महीने पहले
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नैनवां रोड की खाली पड़ी राशन की दुकान। - Dainik Bhaskar
नैनवां रोड की खाली पड़ी राशन की दुकान।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत निशुल्क मिलने वाले गेहूं पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। यही हाल रहा तो नवंबर महीने में गेहूं का वितरण नहीं होगा, क्योंकि सरकार ने योजना की अवधि को आगे नहीं बढ़ाया। इस महीने भी 20 प्रतिशत आवंटन कम होने से सैकड़ों लोगों को निशुल्क योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उपभोक्ताओं को गेहूं के लिए धक्के खाने की नौबत आएगी। कोरोना काल में प्रधानमंत्री ने जरूरतमंदों के लिए यह योजना चलाई थी। अगर योजना बंद होती है तो राशन डीलर्स के कमीशन के बकाया 2 करोड़ रुपए भी अटक सकते हैं। अब 10 किलो के बजाय प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं ही मिलेगा। भास्कर रिपोर्टर ने इस योजना की पड़ताल की तो सामने आया कि हजारों लोगों को अब लाभ मिलना बंद हो सकता है। बूंदी जिले में 426 राशन की दुकानें हैं। शहरी क्षेत्र में 94, बूंदी शहर में 40 शेष दुकानें ग्राम पंचायत क्षेत्र में हैं। इनमें 1 लाख 1 हजार राशन कार्डधारी हैं। इन कार्ड से 7 लाख 31 हजार लोगों को निशुल्क गेहूं देने का प्रावधान है।

पड़ताल जिले के राशन डीलर्स बोले- भुगतान नहीं होने से हम भी दुकान चलाने की स्थिति में नहीं हैं

योजना का सच जानने के लिए रिपोर्टर डीलर्स की दुकान पर पहुंचा। डीलर जितेंद्र हाड़ा का कहना था कि अप्रैल महीने से जिले के डीलर्स का कमीशन नहीं मिला है। सितंबर तक जोड़ा जाए तो 6 महीने का कमीशन बाकी है। एक डीलर को एक क्विंटल पर 115 रुपए दिए जाते हैं। सिंह ने कहा कि जिले के डीलर्स का आंकड़ा देखें तो 40 लाख रुपए प्रति महीना बन रहा है। यानी 2 करोड़ 40 लाख रुपए डीलर्स के बाकी हैं। इस बार मुझे आवंटन भी 60 की जगह 40 क्विंटल हुआ। ऐसे हालात में डीलर्स दुकान चलाने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है।
आवंटन कम होेने से दुकान पर झगड़े तक की आ सकती है नौबत
डीलर रेवती अग्रवाल बताते हैं कि हमें केवल खाद्य सुरक्षा योजना के तहत देने वाले गेहूं का ही कमीशन मिल रहा है। 20 प्रतिशत आवंटन कम होने से अब हालात और खराब होंगे। दुकानों पर झगड़े तक की नौबत आ सकती है। महावीर सैनी का कहना था कि आवंटन कम होने पर अधिकारियों से कारण पूछा तो उनका कहना था कि खत्म हो जाए तो दूसरी दुकान पर उपभोक्ताओं को भेज देना। भले ही दूसरी दुकान से गेहूं मिले, लेकिन हमारी पॉश मशीन पर ही उपभोक्ता का आवंटन दर्ज होगा। अब दिक्कत यह है कि हमारी दुकान का आवंटन दूसरा डीलर क्यों देगा।
हर महीने 107 क्विंटल आता था, इस बार 82 क्विंटल ही आया
अंथड़ा के मोहनसिंह हाड़ा ने बताया कि हर महीने 107 क्विंटल आवंटन होता था। इस बार 82 क्विंटल गेहूं ही आया। उपभोक्ता तो उतने ही हैं, ऐसे में किसको गेहूं दें, यह विवाद का कारण बन सकता है। हमने तो पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर आवंटन शुरू किया है।
इस बार राशन डीलर्स को गेहूं का 20% कम आवंटन हुआ
योजना के तहत 35 हजार क्विंटल गेहूं का आवंटन होता है। इस बार 31 हजार क्विंटल ही गेहूं मिल पाया है। यानी विभाग को करीब 10 प्रतिशत कम आवंटन हुआ, लेकिन विभाग ने राशन डीलर्स को 20 प्रतिशत कम आवंटन किया। राशन डीलरों की समस्या बढ़ गई है। उनको कमीशन नहीं मिलने की चिंता सताने लगी है।