बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान देश में सबसे आगे है। लगातार सरकार को ऐसे मामलों में आलोचना भी झेलनी पड़ती है, लेकिन अब भी हालात नहीं बदले हैं। सामने आया नया केस और भी दिल-दहलाने वाला है।
चचेरे भाई की दरिंदगी का खामियाजा भुगतने वाली नाबालिग ने एक मासूम बेटी को जन्म देकर तेज सर्दी की रात में मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया। मासूम कई घंटे तक बिना कपड़ों के ठंड में पड़ी रही और और उसका पूरा शरीर कंटीली झाड़ियों के कारण छिल गया।
मामला बूंदी के चित्तौड़ रोड का है। यहां के एक प्राइवेट स्कूल के नजदीक शनिवार सुबह एक नवजात बच्ची मिली। उसके शरीर पर कपड़े तक नहीं थे और सर्दी से वह कंपकंपा रही थी। कांटे लगने से उसका शरीर लहूलुहान हो गया था।
सूचना पर सदर थाना पुलिस और बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और नवजात को अस्पताल पहुंचाया। बूंदी के सरकारी अस्पताल में 6 डॉक्टर्स की टीम ने नवजात को वेंटिलेटर पर लेकर इलाज शुरू किया। इसके बाद कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल रेफर कर दिया।
नाबालिग ने दिया बच्ची को जन्म
पुलिस ने बताया कि बच्ची की जानकारी मिलने के बाद आसपास पूछताछ की गई तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। सीआई अरविंद भारद्वाज ने बताया कि थाना क्षेत्र में रहने वाली 15 साल की एक किशोरी ने ही नवजात को जन्म दिया था।
किसी को पता न चले, इसलिए उसने झाड़ियों में फेंक दिया। किशोरी ने बताया कि उसके रिश्ते में लगने वाले भाई ने ही उसका रेप किया था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नाबालिग को भी इलाज के लिए एमसीएच यूनिट में भर्ती करवा दिया गया है
स्कूल में ही हुई डिलीवरी
जानकारी के अनुसार नजदीक के प्राइवेट स्कूल में नवजात की डिलीवरी हुई। क्याेंकि यहां के बाथरूम में इसके सबूत मिले है। पुलिस ने छत पर जाकर देखा तो हालात और क्लियर हो गए। कपड़ों, बाल्टी पर खून के धब्बे मिले। इसी स्कूल में नाबालिग मां के पिता भी चौकीदारी का काम करते हैं। पुलिस ने नाबालिग के माता-पिता से भी पूछताछ की है।
उसकी मां ने बताया कि तो पूरी रात अस्पताल ड्यूटी पर थी और जानकारी नहीं है। हालांकि उसने बताया कि जिस जैकेट पर खून लगा हुआ है, वह बेटी का है। शक होने पर पुलिस माता-पिता को थाने लेकर आई। एफएसएल टीम ने जाकर सबूत जुटाए। पुलिस ने जब किशोरी से तसल्ली से पूछताछ की तो उसने पूरा सच बताया और खुद की डिलीवरी होना स्वीकार कर लिया।
नाबालिग बोली- मुझे समय रहते गर्भवती होने का पता नहीं चला
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि मुझे समय रहते गर्भवती होने का पता नहीं लगा और सुबह टॉयलेट करने गई तो बच्चे का जन्म हो गया। इससे मैं घबरा गई और किसी को पता नहीं लगे, इसलिए मैंने नवजात को बाल्टी में रखकर झाड़ियों में फेंक दिया।
निजी स्कूल के बच्चों का कहना था कि सुबह स्कूल में पानी फैला हुआ था तो हमने कर्मचारी से कारण पूछा। हमें बताया कि कबूतर और बिल्ली की लड़ाई में यहां खून फैल गया था, इसको साफ किया है। इसके बाद बच्चे छत पर जाने को तैयार हुए। सीढ़ियों पर खून देखकर सहम गए।
दिल की धड़कन कम, सांस लेने में तकलीफ
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविंद गुप्ता ने बताया कि प्रथम दृष्टया नवजात का जन्म सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच हुआ है। जब नवजात को अस्पताल लेकर आए तो उसकी स्थिति गंभीर थी वह ठंडी पड़ी हुई थी। दिल की धड़कन कम थी, सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
अगर 30 मिनट और देरी हो जाती तो नवजात की जान को खतरा था। जब नवजात अच्छी तरह से सांस लेने लगी तो उसे इलाज के लिए जेके लोन अस्पताल कोटा भेज दिया गया। बालिका के साथ एक डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों को एंबुलेंस में भेजा गया, ताकि उसकी देखभाल हो सके।
एसपी जय यादव ने कहा कि जो अपराधी हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। माता-पिता की भी संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है। हर पहलू को ध्यान में उधर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने कहा कि नवजात और नाबालिग का इलाज चल रहा है।
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