शहरी जरूरतमंद परिवारों के लिए खुश होने की खबर है। गांवों में चल रहे मनरेगा की तर्ज पर शहरों में भी जल्द इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना-आईआरजीवाई-अरबन शुरू होने जा रही है। शहरों में अब तक जरूरतमंद परिवारों को रोजगार की गारंटी देनेवाली कोई सरकारी योजना नहीं थी। इस योजना से ऐसे परिवारों को साल में 100 दिन रोजगार की गारंटी मिलेगी।शहरों में मनरेगा जैसी रोजगार गारंटी स्कीम लाने की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल बजट में की थी, अब तेजी से अमलीजामा पहनाया जा रहा है। सरकार ने 15 मई तक सारी तैयारी कर लेने के निर्देश दिए हैं।
बूंदी, केपाटन, लाखेरी, नैनवां, कापरेन, इंद्रगढ़ में स्कीम लागू होगी
जिले में बूंदी, केपाटन, लाखेरी, नैनवां, कापरेन, इंद्रगढ़ शहरों में आईआरजीवाई स्कीम लागू होगी। शहराें में स्ट्रीट वैंडर्स मसलन ठेले, रेहड़ी, थड़ीवाले, पटरियों पर फल-सब्जी व अन्य सामान बेचनेवाले, ढाबों, रेस्टोरेंट्स में काम करनेवालों सहित बेरोजगारों, छोटी-मोटी मजदूरी करनेवालों, असहाय, गरीब परिवारों को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना से राहत मिलेगी। इसमें काम मांगने पर 100 दिन रोजगार मिलेगा। कोरोनाकाल या आपदाकाल में प्रवासी मजदूरों को भी इस योजना में काम मिलेगा। शहरों में वार्डवार रोजगार चाहनेवालों की लिस्ट बनेगी। पात्र परिवारों-श्रमिकों को जॉबकार्ड मिलेंगे। इसके लिए परिवार के सभी सदस्यों को अलग-अलग आवेदन की जरूरत नहीं होगी। योजना में 18 से 60 वर्ष तक के लोगों को श्रम आधारित काम मिलेगा। मांगने पर 15 दिन में जॉब मिल जाएगा। जॉबकार्ड पर इंदिरा गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोटो होगा।
आईआरजीवाई-अरबन में ये काम होंगेप र्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता-सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकने, सेवा, हेरिटेज संरक्षण आदि काम कराए जाएंगे। पौधे लगाना, बगीचों की देखभाल, फुटपाथ, डिवाइडर, सार्वजनिक स्थानों पर लगे पौधों में पानी व देखभाल, निकायों, वन, उद्यानिकी, कृषि विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार करना, श्मशान-कब्रिस्तान में सफाई, पौधरोपण, उद्यानिकी, वानिकी के काम, तालाब, टांके-बावड़ी, जोहड़ की सफाई व मेंटिनेंस, रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने, मरम्मत व सफाई, जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार, ठोस कचरा प्रबंधन, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, जैसे काम कराए जाएंगे। श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया-पानी, प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधा रहेगी। हाजिरी और कार्य माप पर ऑनलाइन मिलेगी मजदूरीस्कीम में लेबर-मैटेरियल का अनुपात 75:25 रहेगा। लेबर के साथ मेट भी लगाए जाएंगे, जिसमें दिव्यांगों को प्राथमिकता होगी। अन्य संविदाकर्मी भी रखे जाएंगे। स्कीम में कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल श्रमिकों को श्रम विभाग की तय मजदूरी मिलेगी। महिला-पुरुष श्रमिकों को समान मजदूरी मिलेगी। भुगतान उनकी हाजिरी व कार्य माप पर 15 दिन में आॅनलाइन होगा। श्रमिक रोजगार-भुगतान से जुड़ी शिकायत कर सकेंगे।
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