आईएएस अधिकारियों की एसीआर भरने का पावर देने की मंत्रियों की मांग पर विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कटाक्ष किया है। राठौड़ ने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्य अगर समय पर रूल्स ऑफ बिजनेस पढ़ लेते तो आज यह बात नहीं करते। बीजेपी की सरकार के समय मैं भी मंत्री रहा हूं। एक मंत्री के विभाग में जो अधिकारी है, उनकी एसीआर का रिव्यू ऑफिसर मिनिस्टर होता है, जो आज भी है और कल भी होगा। इसको लेकर किस बात का विवाद है।
राठौड़ ने कहा कि मैं समझता हूं कि इस सरकार के मंत्रियों की बिना तर्क के इस प्रकार की बयानबाजी करने की आदत बन गई है। इससे पार्टी की अंदरूनी कलह साफ नजर आ रही है। वह बयान दे रहे हैं कि कोई किसी का गुलाम है। कोई किसी से डरता नहीं है। मैं समझता हूं कि यह एक प्रकार से संविधान का अपमान है। संविधान में जिम्मेदारी की बात कही गई है। मंत्रिमंडल का एक सदस्य बोलता है, इसका मतलब पूरा मंत्रिमंडल बोलता है। इस प्रकार के आपाधापी के वातावरण में प्रशासनिक ढांचा अपना काम करना बंद कर देता है, जिससे राज्य के लिए नीतिगत निर्णय लेने में देरी होती है और लोगों को परेशानी भुगतनी पड़ती है।
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