दिवंगत भंवरलाल शर्मा के भाई ने बीजेपी से मांगा टिकट:प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंपा बायोडाटा, बोले- भतीजे की हार तय

सरदार शहर (चूरू)7 महीने पहले
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श्यामलाल शर्मा ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ मुलाकात कर अपनी मजबूत दावेदारी पेश की। - Dainik Bhaskar
श्यामलाल शर्मा ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ मुलाकात कर अपनी मजबूत दावेदारी पेश की।

विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के कारण खाली सरदार शहर विधानसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा हो चुकी है। यहां 5 दिसंबर को वोटिंग होगी। उप चुनाव की घोषणा के बाद से ही क्षेत्र में सियासी पारा चढ़ गया है। प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के पास दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है। एक ओर जहां दिवंगत भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा कांग्रेस पार्टी में अपनी मजबूत दावेदारी जता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पंडित भंवरलाल शर्मा के छोटे भाई और पंचायत समिति सदस्य श्यामलाल शर्मा ने बुधवार को जयपुर में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से मुलाकात कर बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई।

साल 2021 के पंचायत चुनाव से ही परिवार के बीच में सियासी घमासान शुरू हो गया, जब भंवर लाल शर्मा ने अपने छोटे भाई का कांग्रेस से टिकट काट दिया था। हालांकि इसके बाद श्यामलाल ने निर्दलीय चुनाव जीता था।
साल 2021 के पंचायत चुनाव से ही परिवार के बीच में सियासी घमासान शुरू हो गया, जब भंवर लाल शर्मा ने अपने छोटे भाई का कांग्रेस से टिकट काट दिया था। हालांकि इसके बाद श्यामलाल ने निर्दलीय चुनाव जीता था।

बता दें कि पिछले कुछ सालों से परिवार में चल रहे सियासी घमासान के बीच श्यामलाल ने दो बार भंवरलाल शर्मा को शिकस्त दी। सबसे पहले साल 2021 में पंचायत समिति के चुनाव में श्यामलाल ने वार्ड-22, जैतसीसर ब्लॉक से कांग्रेस का टिकट मांगा था। इस दौरान तत्कालीन विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा ने अपनी पत्नी मनोहरी देवी को कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतारा। इससे नाराज श्यामलाल निर्दलीय मैदान में उतरे और मनोहरी देवी को करीब 626 वोटों से मात दी।

सरदारशहर पंचायत समिति में बीडीसी सदस्यों की संख्या कुल 25 है। 2021 में हुए चुनाव में 13 सीटें कांग्रेस, 11 सीटें बीजेपी और एक सीट निर्दलीय श्यामलाल ने जीती। इस दौरान प्रधान के चुनाव के लिए कांग्रेस ने पंडित भंवरलाल शर्मा के बेटे केशरीचंद शर्मा को मैदान में उतारा और आंकड़ों के हिसाब से कांग्रेस का प्रधान भी बनना लगभग तय था। ऐसे में बीजेपी ने कांग्रेस के टिकट पर बीडीसी सदस्य बनीं निर्मला राजपुरोहित को बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतार दिया और केशरीचंद शर्मा चुनाव हार गए।

भतीजे की हार तय- श्यामलाल शर्मा
श्यामलाल शर्मा ने बताया कि 'मेरा भतीजा अनिल शर्मा कांग्रेस पार्टी से चुनाव मैदान उतरेगा, इसलिए उसकी निश्चित रूप से हार होगी। मैं बीजेपी से टिकट इसीलिए मांग रहा हूं क्योंकि अनिल की हार होनी तय है। मैं सरदारशहर में बीजेपी का फूल खिलाऊंगा।'

श्यामलाल इसलिए जता रहे हैं बीजेपी से दावेदारी
सरदारशहर से पूर्व विधायक और बीजेपी नेता अशोक पींचा ने विधायक के 5 चुनाव लड़े हैं। इस दौरान उन्होंने एक बार साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। इसके अलावा उनको 4 बार हार का सामना करना पड़ा। इसलिए इस बार इस उप चुनाव के दौरान बीजेपी की ओर से चेहरा बदलने की चर्चा जोरों पर है। ऐसे में टिकट की दौड़ में बीजेपी की ओर से कई नेता दावेदारी जता रहे हैं।