नगरपालिका प्रशासन द्वारा पूर्व चेयरमैन दिनेश मिश्र के नाम पट्टा जारी कर दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। 8 दिन से लगातार चल रहें धरना कार्यक्रम में पहुंचे सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने मामले ले जानकारी ले कर अनियमितता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को जिला प्रभारी मंत्री विश्वेंद्र सिंह से शिष्टमंडल के साथ मिल कर कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व चेयरमैन दिनेश मिश्र को गलत तरीके नगर पालिका प्रशासन द्वारा सार्वजनिक उपयोग के लिए मास्टर प्लान में आरक्षित की गई भूमि का पट्टा दिया जाने के प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। जिस पर जिला प्रभारी मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने स्वायत शासन विभाग के सलाहकार जीएस संधू को पत्र लिखकर जांच के निर्देश दिए हैं। अनिल बेनाडा ,सोनू विनोरी, चिराग जोशी, मीठा लाल मीणा, हंसराज सैनी, रामचरण बौहरा सहित अनेक लोग साथ में थे। वही सोमवार को नगर पालिका प्रशासन द्वारा धरनार्थियों द्वारा मांगी जा रही पट्टे की नकल की प्रतियां उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है। इधर दूसरी तरफ मामले पर बढ़ते राजनीतिक तूल को लेकर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा की मौजूदगी में नगर पालिका बोर्ड के कांग्रेसी पार्षदों की बैठक पंचायत समिति के सभागार में की गई। तथा पट्टा दिए जाने में अपनाई गई कानूनी प्रक्रियाओं की समुचित जानकारी देकर पार्षदों को संतुष्ट करने का काम किया।जिसमें पार्षदों के समक्ष नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन दिनेश मिश्र ने जारी किए गए पट्टे पर कानूनी बिंदुओं का ब्यौरा वार जानकारी देते हुए कहा है कि पट्टा नियमानुसार राज्य सरकार के गाइडलाइन के अनुसार जारी किया गया है। इसमें किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं हुई है।
उन्होंने सन 1962 से लेकर 2022 तक चले मामले पर विभिन्न कानूनी पहलुओं तथा बिंदुओं पर जानकारी देते हुए अपने पक्ष को रखा तथा कहा कि पट्टा दिए जाने में किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं हुई है ।पट्टे के नाम पर दबाव की राजनीति कर अपने स्वार्थों को हल करने का नाजायज प्रयास किया जा रहा है।जो होने नही दिया जाएगा।
सोनू बिनोरी ने बताया की तत्कालीन ग्राम पंचायत लालसोट के सामुदायिक विकास आबादी विस्तार एवं व्यवसायिक प्रयोजन हेतु खसरा नंबर 41/2 की भूमि को राजस्थान भूमि अवाप्ति अधिनियम 1953 के तहत अधिकृत किया गया तथा भूमि अधिग्रहण अधिकारी द्वारा भूमि अधिग्रहण की कानूनी कार्रवाई पूरी की गई ।
अनिल बैनाडा ने बताया कि अधिग्रहितभूमि को नजराने पर नहीं दी जा सकती। तथा सुविधा क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान के नक्से में आरक्षित भूमि है। पटटा नहीं दिया जा सकता है। 69 क में पटटा स्वामित्व हो तथा 30 से 70 प्रतिशत निर्माण होना जरूरी है। यह दुर्भाग्य है कि मुकदमे को हारने वाले व्यक्ति को ही कोडियों के दामों में करोडों की जमीन का पटटा जारी कर दिश गया। अभी तक पटटे की नकल नहीं दी जा सकी है।
नियमानुसार पट्टा जारी
सीमा चौधरी ने कहा कि पट्टा नियमानुसार जारी किया गया है। सरकार द्वारा जारी किए गए धारा 69 (क)के तहत नियमों की पूरी पालना कर पट्टा जारी किया गया है । अखबार में सार्वजनिक सूचना दी गई। उस वक्त किसी भी व्यक्ति ने कोई आपत्ति पेश नहीं की। समय सीमा गुजर जाने के बाद नगर पालिका ने सभी नियमों की पालना करते हुए पट्टा जारी किया है। पट्टा जारी करने में किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका ने सभी नियमों की पालना कर पट्टा जारी किया है इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता।
अनियमितता नहीं चेयरमैन रक्षा मिश्रा ने कहा कि पट्टा नगर पालिका ने नियमों की पालना करते हुए दिया है ।किसी भी तरह की कोई अनियमितता नहीं की गई है। मात्र अपने गलत कार्यों को करवाने के लिए दबाव की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह चेयरमैन रहे या नहीं रहे मगर काम इमानदारी से ही करेंगी। किसी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी।
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