मेहंदीपुर बालाजी में संस्कृत महाविद्यालय के पीछे मंदिर ट्रस्ट की ओर से आयोजित भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आज बुधवार को चौथा दिन है। इस दौरान रोज की तरह भागवत ज्ञान यज्ञ की शुरुआत महाआरती से हुई, जिसमें मंदिर ट्रस्ट महंत नरेश पुरी महाराज द्वारा भागवत की पूजा कर भागवत की आरती की, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त शामिल रहे। इसके बाद भागवताचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने भागवत ज्ञान यज्ञ की शुरुआत की।
इस दौरान उन्होंने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के बारे में बताया, प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। कथा आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने बताया कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्या रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो, वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है। भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लौट गया।
ध्रुव की कथा का किया वर्णन
इस दौरान आचार्य ने कथा सुनाते हुए कहा ध्रुव की कथा का भी वर्णन किया। ऐसे में उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अमंगल का भाव रखकर आपके प्रति षडयंत्र रच रहा है। लेकिन अगर आप भगवान के भक्त है तो आपका अमंगल कभी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सुनीति ने ध्रुव से कहा कि जो व्यक्ति दूसरों को दुख पहुंचता है। उसे कभी सुख प्राप्त नहीं होता है। वहीं ध्रुव के चरित्र के बारे में बात करते हुए कहा कि कभी अपने बच्चों को गलत बात नहीं बोलें। वहीं बच्चों को मातृ पितृ भक्त होना चाहिए। जिस बच्चे में ये गुण होंगे वही राष्ट्र भक्त होंगे। साथ ही बच्चों को अपने अंदर अवगुण नहीं आने देने का संकल्प दिलाएं।
कथावाचक ने बताया कि माया और भक्ति को भगवान कि दो पत्नियां कहा गया है। माया भक्त को भगवान से दूर करती है, और भक्ति भगवान के सानिध्य में ले जाती है। जिस इंसान को माया तंग करती है, उसको भगवान की भक्ति का अनुगमन करना चाहिए। भगवान के शरण में जाने से ही माया से मुक्ति मिल सकती है। साधन भक्ति करने से क्लेश खत्म होकर घर में मंगल और शांति होती है। सामान्य जीवन में साधन भक्ति ही प्रभु जाप का सरल उपाय है। भगवान की भक्ति करने से भगवान की कृपा मिलती है।
मनमोहक झांकियां सजाई
कथा के दौरान तैयार की गई मनमोहक झांकियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में उदयपुरा, मेंहदीपुर, दांतली, मीना सीमला, ठिकरिया, टोडाभीम, महवा सहित आसपास के ग्रामीणों ने झांकी के दर्शन किए। वहीं इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, राजस्थान विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा सहित कई अतिथियों ने भागवत का श्रवण किया। साथ ही भागवत के बाद शाम 6 बजे प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
जिला न्यायाधीश दौसा राजेंद्र कुमार, जिला न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमचंद शर्मा, एडीजे दौसा रेखा चौधरी और उनके पति देवेंद्र सिंह, एडीजे दौसा प्रेमलता सैनी, सीजेएम दौसा मोहनलाल जाट, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट छवि सिंघल, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट दौसा ईशा सांगी, एडवोकेट प्रभास शर्मा, एसीजीएम महुआ मनोज कुमार भी कथा में शामिल हुए।
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