अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस व पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि दौसा की प्यास बुझाने के लिए महत्वाकांक्षी ईसरदा वृहद पेयजल परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाएगी। राज्य सरकार दौसा की पेयजल समस्या के समाधान के लिए गंभीर है और ईसरदा परियोजना पूरी होने तक के लिए यहां पेयजल उपलब्धता के वैकल्पिक उपायों पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल बुधवार को दौसा में जलदाय विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि दौसा जिले की सभी पेयजल परियोजनाएं भूजल आधारित होने और अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर के लगातार नीचे जाने से पेयजल की उपलब्धता में समस्या आ रही है। ऎसे में दौसावासियों को भी पानी की एक एक बूंद की बचत करनी होगी वहीं सरकार द्वारा ईसरदा बांध निर्माण एवं योजना के विभिन्न कार्यो को गति देने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने के साथ ही मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
उन्होंने समीक्षा के दौरान ईसरदा बांध निर्माण की प्रगति के साथ साथ ईसरदा से मुख्य ट्रांसमिशन लाईन के पैकेज पर विस्तार से जानकारी लेते हुए कार्य को योजनावद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने ईसरदा प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को परियोजना का कार्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण करना सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें किसी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
डॉ. अग्रवाल ने अधिकारियों से दौसा व दौसा जिले में पेयजल वितरण व्यवस्था की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने बीसलपुर से आने वाले पानी की उपलब्धता बढ़ाने या ट्रेन के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने सहित विभिन्न वैकल्पिक संभावनाओं पर ठोस प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने जल जीवन मिशन के काम में भी तेजी लाने और गांवों में हर घर जल कनेक्षन के लक्ष्यों को पूरा करने को कहा।
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