आस्था के महाकुंभ की पूर्णाहुति, राधा-कृष्ण की प्राण-प्रतिष्ठा:लोकसभा स्पीकर व केंद्रीय मंत्री ने बालाजी की महिमा का गुणगान किया

दौसा2 महीने पहले
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दौसा के बालाजी धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में श्रोताओं को संबोधित करते लोकसभा स्पीकर ओम बिरला।

दौसा जिले के सिद्धपीठ मेहंदीपुर धाम में महंत नरेश पुरी महाराज के सानिध्य में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला व केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी शिरकत की। हेलिकॉप्टर से मेहंदीपुर बालाजी पहुंचे दोनों नेताओं ने सबसे पहले सीताराम मंदिर पहुंचकर राधा-कृष्णजी के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया।

भागवत कथा की महा आरती करते लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय मंत्री व महंत नरेश पुरी महाराज
भागवत कथा की महा आरती करते लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय मंत्री व महंत नरेश पुरी महाराज

इसके बाद उन्होंने बालाजी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की। दर्शनों के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का उदयपुरा रोड पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन किया। वहीं कथा स्थल पहुंचकर महंत के साथ भागवत कथा की महा आरती की। जहां लोकसभा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए बालाजी महाराज की महिमा का गुणगान किया।

भागवत कथा में श्रोताओं को संबोधित करते लोकसभा स्पीकर ओम बिरला।
भागवत कथा में श्रोताओं को संबोधित करते लोकसभा स्पीकर ओम बिरला।

इस दौरान जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया, देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा, पूर्व युवा बोर्ड अध्यक्ष भूपेंद्र सैनी, दौसा भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभुदयाल शर्मा, करौली जिला अध्यक्ष बृजलाल डाकोलिया समेत कई नेता मौजूद रहे। वहीं मीन भगवान मंदिर के पीछे बने हेलिपैड पर भाजपा नेता राजेंद्र मीणा के नेतृत्व में लोकसभा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री का जोरदार स्वागत किया गया।

बालाजी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना करते लोकसभा स्पीकर व केंद्रीय मंत्री।
बालाजी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना करते लोकसभा स्पीकर व केंद्रीय मंत्री।

मेहंदीपुर धाम पूरे होते हैं भक्तों के सभी घाटे

अंतिम दिन कथा व्यास मृदुल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि शास्त्रों में श्रीमद् भागवत कथा का सर्वाधिक महत्व बताया गया है। मेहंदीपुर बालाजी धाम में स्वयंभू हनुमानजी महाराज साक्षात विराजमान हैं। घाटा बालाजी में एक बार माथा टेककर देखिए सभी भक्तों के घाटे पूरे हो जाते हैं। ऐसे में मनुष्य को बिना किसी स्वार्थ के निष्काम भक्ति करनी चाहिए।