जिलेभर में शीतलाष्टमी का पर्व 15 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन परंपरा के अनुसार माता शीतला को ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाएगा। शीतलाष्टमी के पर्व को लेकर परंपरा के चलते माता शीतला को ठंडे पकवानों का भोग लगाने के लिए मंगलवार को घर-घर में पकवान बनाए गए। माता को पूजन के लिए महिलाओं ने अनेक तरह के पकवान बनाए। जिला मुख्यालय पर बुधवार को शीतला माता के मंदिरों में पूजन के लिए महिलाओं की भीड़ रहेगी।
बास्योड़ा के दिन घरों में चूल्हे तक नहीं जलाए जाते हैं। इस दौरान श्रद्धालु भी बासा भोजन का सेवन करते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि शीतला माता को बासी भोजन ही पसंद है। होली के 8 दिन बाद शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन पूजा पाठ करने और व्रत रखने से शीतला माता प्रसन्न होती है और सभी कष्टों का निवारण करती है। डिगो| ग्राम पंचायत राजोली समेत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को शीतला माता का पूजन होगा। इससे पूर्व एक दिन पहले मंगलवार को माता का धोया-जखोला व रांदा पुआ बनाया गया। डिगो गांव की पहाड़ियों में विराजमान ब्याई माता का मेला भी बुधवार को भरेगा, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चों समेत बुजुर्ग ब्याई माता के दरबार में पहुंचकर अपनी हाजरी माता रानी के चरणों में लगाएंगे। मान्यता अनुसार शीतला माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाने की परंपरा के चलते घरों में एक दिन पहले ही पकवान बना लिए जाते हैं और अष्टमी के दिन बासे भोजन का ही माता को भोग लगाया जाता है। वहीं ग्राम पंचायत डिगो सरपंच मंजू कंवर ने बताया कि आज ब्याई माता के मेले में घुड दौड़,उट दौड़ समेत कुश्ती दंगल समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे।
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