NH-48 पर डीजल और केमिकल का अवैध कारोबार:पुलिस और रसद विभाग नहीं कर रहे सख्त कार्रवाई, सरकार को हो रहा आर्थिक नुकसान

डूंगरपुर4 महीने पहले
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ढाबों पर बने गोदाम में बड़े-बड़े ड्रमों में टैंकर से निकाल डीजल और केमिकल भर दिया दाता है और फिर आसपास के गांवों में सप्लाई किया जाता है।

डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे-48 पर डीजल और केमिकल का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। हाईवे पर खजूरी और बरोठी गांवों के ढाबा मालिक डीजल का अवैध कारोबार कर रहे हैं। ढाबा मालिक हाईवे से गुजरने वाले टैंकर के ड्राइवरों से मिलीभगत कर डीजल-केमिकल की कालाबाजरी कर रहे है। गुजरात को जोड़ने वाले इस हाईवे पर खजूरी और बरोठी गांव में कई ढाबों पर अवैध डीजल के भंडार है।

हाईवे पर बने ढाबों के मालिक टैंकर ड्राइवर से मिलीभगत कर डीजल और केमिकल निकाल लेते हैं और फिर इसें गांवों में बेच देते हैं।
हाईवे पर बने ढाबों के मालिक टैंकर ड्राइवर से मिलीभगत कर डीजल और केमिकल निकाल लेते हैं और फिर इसें गांवों में बेच देते हैं।

महाराष्ट्र के मुंबई और थाने, गुजरात के वापी, सूरत और अंकलेश्वर से कई टैंकर डीजल और सी 9 केमिकल लेकर उत्तर भारत में सप्लाई के लिए इसी नेशनल हाईवे से होकर गुजरते हैं। बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र के खजूरी और बरोठी गांव में ढाबों में गोदाम बनाए गए है। बाहर से आने वाले टैंकर इन ढाबों पर रुकते हैं। इस दौरान मिलीभगत से टैंकर से डीजल-केमिकल निकाल लिया जाता है और गोदाम में रखे बड़े-बड़े ड्रमों में भर दिया जाता है। इसी तरह बड़े ट्रक के डीजल टैंक से भी पाइप लगाकर डीजल निकाल लिया जाता है। इसके बाद डीजल और केमिकल गांवों में बेच दिया जाता है। डीजल-केमिकल के अवैध कारोबार के कारण हाईवे पर ज्यादातर पेट्रोल पंप का कारोबार काफी हद तक प्रभावित हो रहा है और सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

डीजल-केमिकल के इस अवैध कारोबार के बारे में पुलिस और रसद विभाग को भी पता है, लेकिन इस अवैध कारोबार पर दोनों ही विभाग कभी-कभी छोटी कार्रवाई कर इतिश्री कर लेते हैं। जिसके कारण कुछ दिनों बाद ही यह अवैध कारोबार फिर शुरू हो जाता है। हाईवे पर अवैध डीजल और केमिकल के कारोबार को रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए हैं। इस बारे में जब डूंगरपुर जिला रसद अधिकारी विपिनचंद जैन ने बताया कि सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

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