पश्चिमी राजस्थान की लाइफ लाइन के रूप में विख्यात इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 26 मार्च से 65 दिन क्लोजर शुरू हो जाएगा। इससे राजस्थान के 10 जिले के लगभग 2 करोड़ लोग प्रभावित होंगे। 10 जिलों के 49 शहर और लगभग 7500 गांव-ढाणियों में आईजीएनपी से पीने का पानी मिलता है। बात जब क्लोजर की आती है तो राजस्थान के अधिकारियों से लेकर सरकार तक के हल्क सूखने लगते हैं। लगभग 2 करोड़ की आबादी को पेयजल मुहैया करवाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। इस बार पंजाब ने 60 की बजाए 65 दिन की बंदी लेने का नोटिफिकेशन जारी किए हैं। इसको 60 दिन करवाने के लिए सरकार स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बंदी के दौरान राजस्थान के लिए एक दिन भी कितना महत्वपूर्ण है। पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आईजीएनपी क्षेत्र की कई तहसीलों के हैड वर्क्सों को संवेदनशील हैड वर्क्सों के रूप में चिन्हित किया गया है। पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित रखने के लिए इन हैड वर्क्सों पर पुलिस का पहरा लगाया जाएगा। ये सुझाव जल संसाधन विभाग की ओर से सरकार को दिया गया। श्रीगंगानगर जिले की श्री विजयनगर और घड़साना, बीकानेर जिले की खाजूवाला, जैसलमेर जिले की रामगढ़, मोहनगढ़ तथा पोकरण तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई है। ये तहसीलें अंतिम छोर पर हैं। ऐसे में इन तहसीलों के गांवों में पेयजल व्यवस्था गड़बड़ाने की आशंका है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना से पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में पेयजल आपूर्ति होती है। महाजन फायरिंग रेंज और सेना को भी पीने का पानी इसी परियोजना से उपलब्ध होता है। हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, चूरू, सीकर, झुंझुनूं व नागौर जिले के लगभग 1.70 करोड़ नागरिक इंदिरा गांधी नहर के पेयजल पर निर्भर है। इन जिलों में हर दिन 1031 क्यूसेक पानी की सिर्फ पेयजल आपूर्ति में खपत होती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार आंशिक बंदी के दौरान लगभग 2 हजार क्यूसेक पानी मिलता रहेगा। पूर्ण बंदी 30 दिन की ली जाएगी। इस अवधि में पेयजल योजनाओं में भंडारित पानी और नहरों में पौंडिंग किए गए पानी से ही आपूर्ति सुनिश्चित रखी जाएगी।
बंदी का गणित: 20 मार्च तक सिंचाई के लिए पानी, 21 से 25 तक भंडारण के लिए 8 हजार क्यूसेक मिलेगा पानी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से राजस्थान के 6 जिलों हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर और जोधपुर में सिंचाई होती है। 20 मार्च तक सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। 21 से 25 मार्च तक 8 हजार क्यूसेक पानी पीने के पानी का भंडारण करने के लिए मिलेगा। 26 मार्च से 24 अप्रैल तक आंशिक बंदी रहेगी। इस अवधि में पंजाब द्वारा सरहिंद फीडर के माध्यम से 2 हजार क्यूसेक पानी आरडी 496 पर इंदिरा गांधी नहर में दिया जाएगा। 25 अप्रैल से 24 मई तक पूर्ण क्लोजर रहेगा। इस दौरान नहरों में पौंडिंग किया गया पानी पीएचईडी की डिमांड पर नहरों में चलाया जाएगा। इसके लिए जल संसाधन विभाग जोधपुर के चीफ इंजीनियर को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
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