ग्राम हाड़ौता में अवैध रूप से चल रही चारा वाहन पार्किंग को बंद कराने व सरकारी चारा डिपो खुलवाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं व किसानों ने सोमवार को उपखंड अधिकारी प्रियव्रत सिंह चारण को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मी चंद चौधरी आदि ने बताया है कि वर्ष 2005 में ग्राम पंचायत की ओर से चारा वाहन पार्किंग का सरकारी ठेका दिया गया था, लेकिन चारागाह भूमि को व्यवसायिक उपयोग में लेना गलत बताकर तत्कालीन उपखंड अधिकारी ने चारा वाहन पार्किंग पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद चारा माफियाओं ने अपनी अपनी खातेदारी भूमि पर कई दलालों को टालें खुलवा दी। इन दलालों के द्वारा अब पशुपालकों को मनमर्जी की महंगी दरों पर चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। यूनियन अध्यक्ष लक्ष्मीचंद चौधरी, किसान पीथाराम जाखड़, गोकुल चंद चोपड़ा, भंवर सिंह बेनीवाल आदि ने बताया कि दलाल पहले तो ट्रक चालक को अधिक रेट का झांसा देकर पंजाब से चारे का ट्रक यहां मंगवा लेते हैं। इसके बाद करीब आधा ट्रक खाली करवा लेते हैं, फिर चारा खराब बताकर 8 से 10 क्विंटल सारे के दाम ट्रक चालकों को कम दे देते हैं। ऐसे में दलाल तो ट्रक चालक को कम रुपए देकर अधिक रेट की भरपाई कर लेते हैं लेकिन जब पशुपालक इन दलालों के पास चारा खरीदने आता है तो उससे अधिक रेट में खरीदी गई चारे की दर से रेट वसूल करते हैं। उक्त किसानों ने बताया कि ब्लॉक में एक सरकारी चारा डिपो खुलना चाहिए, ताकि पशुपालक ठगने से बच सके। अवैध चारा वाहन पार्किंग को बंद करवाने के लिए एसीपी चौमूं, उपखंड अधिकारी, किसान आयोग, कृषि मंत्रालय तक पत्र भेजकर मांग की है, लेकिन अभी तक अभी इसे बंद नहीं कराया गया है।
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