चौमूं उपखंड क्षेत्र में मंगलवार की शाम एकाएक पलटे मौसम के मिजाज ने लोगों को सर्दी का एहसास करा दिया। इस दौरान शहर में बूंदाबांदी ही रही, लेकिन तेज हवाओं के चलने से लोगों की झुरझुरी छूट गई। एकाएक मौसम में ठंडक आने से अब तक गर्म कपड़ों को पहनने से बच रहे लोगों गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा। उपखंड क्षेत्र के सिंगोद, गोविंदगढ़, ढोढ़सर, तिगरिया, निवाणा सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में ओले गिरे।
सिंगोद निवासी जीतू बागड़ा ने बताया कि शाम तक मौसम सुहाना था आसमान में बादल कम थे, लेकिन एकाएक मौसम के मिजाज ने लोगों को बारिश का एहसास करा दिया। देर शाम एकाएक तेज हवा के साथ ओलावृष्टि होने से खेतों में जौ और गेहूं की फसल में नुकसान सामने आया। तिगरिया निवासी किसान दिनेश कुमार सैनी ने बताया कि गांव समेत आसपास के इलाकों में बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई चने के आकार के ओले गिरने से खेत में ओलों की सफेद चादर से बिछ गई। तेज हवाओं के साथ हुई बरसात के कारण लोगों को समझने का मौका भी नहीं मिला, जिससे खेतों में रखा तूड़ा हवा के साथ उड़ गया। ओलों की मार से खेतों में बोई गई सब्जियों की फसल को नुकसान सामने आया है। विशेषकर गोभी, मटर की फसलों में नुकसान होगा।
इधर, अचानक मौसम ने पलटने और शाम को रूक-रूक कर बूंदाबांदी होने से मौसम में ठंडक बढ़ गई। बूंदाबांदी के कारण लोगों को रोजाना के मुकाबले सर्दी का एहसास हुआ। बुजुर्ग , युवा ऊनी जैकेट, हाफ बाजू स्वेटर, स्वेटर पहने हुए नजर आए। कुछ दिन पहले तक टीशर्ट में नजर आने वाले लोगों का पहनावा सर्दी के चलते बदल गया। कृषि अधिकारी हरबक्श चौधरी ने बताया कि अभी केवल हल्की बारिश हुई है। इसलिए इसको मावठ तो नहीं कह सकते हैं, लेकिन फिर भी गेहूं, जौ और सरसों की बुवाई के लिए यह लाभदायक रहेगी। चने की फसल में नमी बहुत काम आती है। यह नमी फसलों के अंकुरण में काफी सहायक होगी।
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