चौमूं शहर के एनएच 52 पर ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इसको लेकर परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आई है। कई बार ओवरलोड वाहनों के कारण हादसे भी हो चुके हैं। इसके बावजूद भी परिवहन विभाग ने अभी तक कोई सबक नहीं लिया। शहर की मुख्य सड़कों पर भी ईटों व पत्थरों से भरे हुए ट्रैक्टर ट्रॉली भी यमदूत बनकर दौड़ रहे हैं। वहीं, ट्रैक्टर ट्रॉली की क्षमता से अधिक सामान भरा हुआ होता है।
नाममात्र चालान से करते हैं पूर्ति
शहर में ओवरलोड वाहन चारे से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली व पत्थरों से भरे हुए वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर परिवहन विभाग की ओर से सिर्फ खानापूर्ति की जाती है और नाम मात्र चालान कर इतिश्री कर लेते हैं। जिससे ओवरलोड वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं। सितंबर माह में परिवहन विभाग की ओर से करीब 22 चालान काटे गए हैं। जिनसे करीब 4 लाख रुपए की राजस्व वसूली भी की गई है। जिनमें ईटों व पत्थरों से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली, नमक की गाड़ियां और चारे से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली का चालान काटा गया है।
जाम लगने की बनती है स्थिति
हाइवे के चौराहे पर ओवरलोड वाहनों की एंट्री के दौरान कई बार जाम लग जाता है। चारे से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली की क्षमता अधिक होने के कारण सड़क पर काफी जगह रुक जाती हैं। वहीं, अन्य वाहन चालकों इस वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिससे कभी कभार तो 108 एंबुलेंस इमरजेंसी सेवा को भी जगह नहीं मिल पाती हैं। शहर में ओवरलोड व भारी वाहनों की दिन में नो एंट्री हो तो शहर में ट्रैफिक दबाव से निजात मिल सकता है। लेकिन दिन में भारी वाहनों के प्रवेश से शहर में कई बार ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। जिसे इमरजेंसी वाहनों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बिल्कुल ओवरलोड वाहनों के खिलाफ समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाकर चालान काटने की कार्रवाई की जाती है। इस महीने में करीब 22 चालान काटे गए हैं। जिनसे करीब 4 लाख रुपये की वसूली की गई है।
अनूप सहरिया, जिला परिवहन अधिकारी, चौमूं
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