कालाडेरा थाना इलाके में एक युवक का किडनैप कर फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने युवक के मोबाइल से उसके परिजनों को कॉल करके 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी है। साथ ही धमकी दी कि रात को पैसे ले आएगा तो युवक को जिंदा छोड़ देंगे, वरना सुबह यह नहीं मिलेगा, इसे जिंदा जला दूंगा। युवक की तलाश के लिए पुलिस की दो टीमों का गठन किया गया है। पुलिस ने युवक का मोबाइल और बाइक आरोपियों के घर से बरामद की है, जबकि उसकी पेंट और जैकेट पास के खेत में मिले हैं। फिलहाल किडनैप हुए युवक का कोई सुराग नही, लगा है। पुलिस ने मामले में दो लोगों को राउंडअप किया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने युवक की तलाश के लिए डॉग स्क्वॉयड टीम को भी बुलाया है।
थानाधिकारी हरबेंद्र सिंह ने बताया युवक रामस्वरूप जाट जोबनेर हिंगोनिया इलाके के लोहरवाड़ा गांव का बताया जा रहा है, जो बोरिंग मशीन पर काम करता था। युवक 11 जनवरी को कालाडेरा इलाके के घिनोई गांव में किसी महिला से मिलने गया था। इस दौरान महिला के ससुराल वालों ने युवक को पकड़ लिया। इधर महिला के पीहर पक्ष के लोग भी मौके पर आ गए और युवक को अपने घर मे बंधक बना लिया। इसके बाद युवक के मोबाइल से परिजनों को कॉल कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। एक शख्स ने युवक के भाई से 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी है। साथ ही धमकी दी कि पैसे ले आएगा तो जिंदा छोड़ देंगे, वरना इसे जिंदा जला दूंगा।
कालाडेरा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज प्रहलाद पुत्र गुल्लाराम कुड़ी निवासी लोहरवाडा हिंगोनिया जोबनेर ने कालाडेरा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमें बताया कि मेरा बड़ा भाई रामस्वरूप जाट बोरिंग मशीन चलाने का काम करता है। 11 जनवरी को दोपहर करीब 2 बजे घर से वह घर से बाइक लेकर निकला और मोहनपुरा निवासी कैलाश चंद यादव के पास काम पर जाने की बात कही। शाम करीब 6 बजे कैलाश चंद्र यादव ने मेरे को फोन कर बताया कि रामस्वरूप को खपरिया गांव के पास एक ढाबे पर 10-15 लोगों ने पकड़ रखा है और किसी लड़की का मामला बता रहे हैं। इसके बाद वह लोग उसे ढाबे से अपने साथ लेकर चले गए।
रात करीब 11:15 पर रामस्वरूप के फोन से मेरे पास कॉल आया। फोन पर बोलने वाले ने अपना नाम प्रकाश यादव बताया और कहा कि तेरे भाई को हमने घिनोई गांव में एक कमरे में बंद कर रखा है। रातों-रात हमारे पास 20 लाख रुपए लेकर आ जाओ, वरना सुबह तक रामस्वरूप को जिंदा जला देंगे। हमने काफी तलाश की लेकिन रामस्वरूप का कोई सुराग नहीं लगा। 12 जनवरी सुबह करीब 6 बजे कैलाश चंद यादव का फोन आया। उसने बताया कि तुम्हारा भाई रामस्वरूप यहां से भाग गया है।
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