पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
महवा यहां नवीन अनाज मंडी परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथावाचक ललित किशोर शास्त्री ने छठवें दिन उद्धव जी की ब्रज यात्रा, रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया और कहा कि विवाह कामवासना को नाश करने एवं प्रभु को प्राप्त करने के लिए पति ही परमेश्वर है एवं पत्नी धर्म है। उन्होंने कहा कि परम ज्ञानी उद्धव जी अपने ज्ञान के बल पर गोपियों को समझाने गए थे लेकिन गोपियों की स्नेह मय भक्ति के कारण वे परास्त हो गए तो उन्होंने गोपियों से हार मान ली और उनको अपना गुरु मान लिया और उनके चरण रज की धुली को अपने मस्तक पर लगाकर वहां से विदाई ली। जरासंध ने अपने ससुर कंस का बदला लेने के लिए मथुरा पर आक्रमण किया। भगवान श्री कृष्ण ने 18 बार जरासंध को परास्त किया लेकिन फिर भी उन्हें छोड़ दिया। भगवान ने समुद्र में द्वारकापुरी की स्थापना की। नाराजगी से भगवान श्री कृष्ण की शौर्य गाथा सुनकर रुक्मणी ने भगवान कृष्ण को पति रूप में स्वीकार करने हेतु ब्राह्मण को निमंत्रण देकर भेजा तत्पश्चात भगवान ने रुक्मणी जी का विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर उनसे विवाह किया था। इस अवसर पर उन्होंने सती अनुसूया का उदाहरण देकर वर्तमान में नारी को अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचानने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि नारी बहुत महान है क्यो की उन्होंने महिषासुर जैसे राक्षस से सोलह हजार सो कन्याओं को मुक्त कराकर उनका उद्धार किया था। इस बीच कृष्ण रुक्मणी के मनोरम झांकी सजाई गई। कथा के दौरान भजनों के साथ भक्त महिलाओं ने नृत्य कर आनंद लिया। आरती के बाद भोग का प्रसाद सभी श्रद्धालुओं को वितरण किया गया। इससे पहले श्री कृष्ण बरात बड़े धूमधाम से निकाली गई जिसमें बहुत पुरुष और महिलाएं नाचते गाते हुए कृष्ण बरात में निकली जगह जगह पर लोगों ने पुष्पों से उनका स्वागत किया। इस अवसर पर हरिओम सिंघल, सतीश टूड़ीयाना, सुमन अजमेरा, प्रदीप जिंदल, राज कुमार गोयल, शिवम अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष मौजूद रहे।
पॉजिटिव- आर्थिक दृष्टि से आज का दिन आपके लिए कोई उपलब्धि ला रहा है, उन्हें सफल बनाने के लिए आपको दृढ़ निश्चयी होकर काम करना है। कुछ ज्ञानवर्धक तथा रोचक साहित्य के पठन-पाठन में भी समय व्यतीत होगा। ने...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.