जिले में कांग्रेस पार्टी की कमान एक बार फिर वरिष्ठ नेता रामजीलाल ओढ़ को दी गई है। वैश्य वर्ग से आने वाले रामजीलाल ओढ़ पुराने कांग्रेसी हैं। ये पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजेश पायलट के बेहद करीबी थे। साल 2001 में जब राजेश पायलट की सड़क हादसे में मौत हुई थी। उस दौरान ओढ़ व सिकराय के पूर्व विधायक महेन्द्र मीणा भी पायलट के साथ कार में सवार थे। तब महेन्द्र मीणा दौसा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे। हादसे में मीणा को गंभीर चोटें आई थी। इसके बाद सबकी नजरों में आए रामजीलाल ओढ़ को पहली बार जिला कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था।2016 में तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने इन्हें जिलाध्यक्ष बनाया था। मूलत: सिकराय विधानसभा क्षेत्र के सिकंदरा के रहने वाले ओढ़ पूर्व में युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व जिला कार्यकारिणी में कई पदों पर रह चुके हैं। ये सिकंदरा चौराहे पर मशीनरी व मोटर पार्टस के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं।
गहलोत खेमे के मंत्रियों का समर्थन
जिले की राजनीति में रामजीलाल ओढ़ को तेज-तर्रार राजनीतिज्ञ माना जाता है। कार्यकर्ताओं पर इनकी मजबूत पकड़ व सौम्य छवि के चलते सभी कांग्रेसी विधायक इनको पसंद करते हैं। ओढ़ सचिन पायलट के भी बेहद करीबी माने जाते हैं। विवादों से ओढ़ का आमतौर पर कोई नाता नहीं रहा है। विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के साथ पूरे बैलेंस से संगठन के अनुभवी हैं। जिले के कांग्रेसियों में इनकी गहरी पैठ मानी जाती है। सबसे बडी बात है जिलाध्यक्ष बनाए रामजीलाल कभी विवादों में नहीं आते। इसी के चलते गहलोत गुट के मंत्री परसादीलाल मीणा व ममता भूपेश ने जिलाध्यक्ष के लिए इनके नाम समर्थन किया। वहीं पायलट खेमे के मंत्री मुरारीलाल मीणा व बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा ने भी ओढ़ को जिलाध्यक्ष बनाने की पैरवी की।
ये भी रहे जिलाध्यक्ष के दावेदार
मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद जिलाध्यक्ष पद के लिए कवायद शुरू हुई तो दौड़ में रामजीलाल ओढ़ सबसे आगे रहे। इनके साथ ही दिवंगत कद्दावर नेता हरीसिंह महुवा के बेटे व पूर्व जिला प्रमुख अजीतसिंह महुवा, गुर्जर चेहरे के तौर पर चर्चा में रहे। इसी तरह एससी वर्ग से दौसा के पूर्व प्रधान डीसी बैरवा, सामान्य वर्ग से घनश्याम भांडारेज व एसटी वर्ग से मंत्री परसादीलाल मीणा के बेटे कमल मीणा के नाम भी जिलाध्यक्ष के पैनल में शामिल थे, लेकिन इनके नामों पर सभी विधायकों की सर्वसम्मति नहीं थी। ऐसे में रामजीलाल ओढ़ को फिर से अध्यक्ष बनाने के पीछे इनके नाम पर सर्वसम्मति व सचिन पायलट का समर्थन बताया जा रहा है।
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