जिले में श्रम विभाग ने महिला से श्रमिक डायरी रि-न्यू कराने की आड़ में 486 रुपए वसूल लिए, जबकि वास्तविक शुल्क 60 रुपए ही है। महिला ने निर्धारित शुल्क से 426 रुपए अधिक लेने पर विरोध दर्ज कराया, लेकिन सुनवाई नहीं हाेने पर न्याय के लिए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का दरवाजा खटखटाया।
दोनों पक्षों काे सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष रामसिंह मीणा ने श्रम विभाग काे अधिक शुल्क लेने का दोषी ठहराया। इसमें अधिक राशि 426 रुपए जमा कराने की तिथि 24 फरवरी 2021 से अदायगी तक 9% वार्षिक दर से ब्याज व 5 हजार रुपए जुर्माना किया।
जिला मुख्यालय की रामकुंड की ढाणी पटवारी कॉलोनी निवासी परिवादी सुमित्रा देवी सैनी है। उसने श्रम विभाग से श्रमिक डायरी बनवाने के लिए आवेदन किया था। जाे 27 दिसंबर 2012 काे जारी की गई। फिर महिला अंशदान राशि जमा कराकर डायरी काे रि-न्यू कराती रही। 22 दिसंबर 2015 काे 60 रुपए जमा कराकर 20 दिसंबर 2020 तक डायरी का नवीनीकरण कराया था। बाद में परिवादी ने अपनी डायरी काे ऑनलाइन चैक किया ताे पाया कि उसकी डायरी का अंशदान वैद्यता अवधि 27 दिसंबर 2012 तक ही है।
श्रम विभाग में संपर्क किया ताे जवाब मिला अब राशि जमा कराकर रि-न्यू करा लाे। परिवादी ने 24 फरवरी 2021 काे 486 रुपए का टोकन कटवाया, जिस पर महिला की डायरी की वैद्यता 31 दिसंबर 2025 तक कर दी। मगर महिला से 426 रुपए अधिक वसूल लिए। जिसकी शिकायत पर आयोग ने श्रम विभाग पर जुर्माना लगाया है।
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