एक ओर कोविड की तीसरी लहर बेकाबू होती दिख रही है वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की लापरवाही सरकार द्वारा किए जा रहे इंतजामों पर पानी फेरती नजर आ रही है। ताजा मामला जिले के सबसे बड़े आरके जोशी जिला अस्पताल का है जहां नाइट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अस्पताल से गायब मिले। जिसकी पोल नगर परिषद सभापति ममता चौधरी के अस्पताल पहुंचने पर खुली। रात को ही इसकी शिकायत राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा से करने के बाद एक डॉक्टर ने अस्पताल पहुंचकर मरीज को संभाला। ऐसे में चिकित्सा मंत्री के गृह जिले में मरीजों को टाइम पर इलाज देने को लेकर डॉक्टरों की लापरवाही पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अस्पताल में नहीं मिले डॉक्टर
दरअसल, बीती रात दौसा नगर परिषद की सभापति ममता चौधरी जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती अपने पिता से मिलने पहुंची थी। उस दौरान उनके पिता की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो सभापति खुद डॉक्टर के लिए अस्पताल में इधर-उधर भटकती रही, लेकिन उन्हें डॉक्टर नहीं मिला तो वो भड़क गई। सभापति ने कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा को फोन कर जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं की शिकायत की। इसके बाद ऑफ होने के बावजूद डॉ आरडी मीणा ने अस्पताल पहुंचकर मरीज को संभाला। अब सवाल ये है कि डॉ. आरडी मीणा तो ऑफ के बावजूद भी अस्पताल में मरीज देखने पहुंच गए, लेकिन उस समय जिन डॉक्टर की ड्यूटी थी वो कहां नदारद थे।
चेयरमैन ममता चौधरी के आरोप
चेयरमैन ममता चौधरी ने कहा जिला अस्पताल की व्यवस्था बद से बदतर है। ऐसे हालात कभी नहीं देखे। जरूरत पर मरीजों को डॉक्टर नहीं मिलते, अस्पताल में आवारा कुत्तों का जमावड़ा रहता है, जगह-जगह गंदगी का आलम बना हुआ है। आरोप हैं कि आईसीयू में भर्ती मरीज को देखने के लिए डॉक्टर नहीं था।
ओमिक्रॉन संक्रमण के बीच रात के समय अस्पताल के हालात अजीबोंगरीब थे। ओपीडी पंजीयन ब्लॉक व पीएमओ कक्ष के आसपास दर्जनों की संख्या में कुत्ते विचरण कर रहे थे। कुत्तों का एक समूह तो वहां सो रहे रोगी परिजन के बिस्तरों में उसके पास सोते नजर आए। वहीं पार्षद व चेयरमैन के पति राकेश चौधरी ने कहना है कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं देखकर बेहद दुख हो रहा है।
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