गोविंदगढ़ सहित आसपास के गांवों में आज शीतला अष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। जहां पर महिलाएं 1 दिन पहले ही घर में अनेक तरह के पकवान बनाती है और दूसरे दिन शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता को यह पकवान का भोग लगाया जाता है।
महिलाओं ने ठंडे पकवानों का लगाया भोग
इस दिन महिलाएं थाली में कंडवारा सजा कर लाती है। जिसमें पुआ पापड़ी राबड़ी ठंडी रोटी, दही,चावल आदि चीजों को सजाकर गीत गाते हुए शीतला माता के मंदिर में आती है। गांव हाड़ोता के शीतला माता मंदिर में आज सुबह से ही महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
मोहन प्रजापति ने बताया कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से शीतला माता का व्रत पूजा करता है उसे फोड़े-फुंसी, चेचक, बुखार आदि रोगों से मुक्ति मिलती है। दरअसल, गर्मी के मौसम की शुरुआत इसी समय होती है और बदलते मौसम के प्रभाव से बहुत सारी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बासोड़ा व्रत रखने से भक्तों को देवी शीतला की कृपा बरसती है और भक्तों को संक्रामक रोगों से छुटकारा मिलता है।
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