श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर पहला कृषि विश्वविद्यालय बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ रोजगार उपलब्ध होगा। पार्ट टाइम जॉब, आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कुलपति प्रो. जेएस संधू के छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार देने की इस महत्वकांक्षी योजना का कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित 17वीं अकादमिक परिषद एवं प्रबंधन मंडल (बोम) की बैठक में सैद्धांतिक रूप से लगी मुहर के चलते अब शिक्षा में एक नया आयाम स्थापित होने वाला है। शिक्षा के साथ रोजगार उपलब्ध कराने वाला पहला कृषि विश्वविद्यालय बन रहा है। इस महत्वकांक्षी योजना को लेकर कई माह पहले से ही कार्य योजना बन कर तैयार हो गई थी तो अब मूर्त रूप लेने से विद्यार्थियों को रोजगार भी मिलेगा।
विद्यार्थियों को इन कार्यों में मिलेगी भागीदारी
कुलपति प्रो संधू ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय विभिन्न इकाइयों में छात्रों को भागीदारी देगा जिससे धन कमा सकेंगे। बीज उत्पादन, उच्च गुणवत्ता युक्त प्लांटिंग मटेरियल, दूध पैकिंग, कॉल सेंटर, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, शहद उत्पादन सहित महाविद्यालय में लैब सेल काउंटर के कार्य दिए जाएंगे। स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिए स्नातकोत्तर विद्यार्थी जिनका कोर्स वर्क पूरा होने के साथ नेट पास कर चुके हैं उन्हें भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और अनुभव प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। कुलपति प्रो संधू ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए रोजगार की कार्य योजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिली है, शीघ्र ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। विद्यार्थियों में कार्य करने की दक्षता होने से कंपनियां भी रोजगार देने में रुचि दिखाएगी। उनका ऐसा प्रयास है की क्षेत्र के लोगों के लिए भी कृषि विश्वविद्यालय में रोजगार सृजित किए जाए जिससे लोगों को बाहर नहीं जाना पड़े। जोबनेर का नाम ही जॉब देने से शुरू है ऐसे में नाम की सार्थकता को सिद्ध कर एक नया आयाम देने की ओर अग्रसर है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.