शहर के राजकीय जिला अस्पताल में अब टीबी क्षय रोग के मरीजों को अपनी जांच रिपोर्ट के लिए एक दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एनआरएचएम की ओर से हिंडौन के राजकीय अस्पताल के लिए 35 लाख कीमत की सीबी नॉट मशीन भेजी गई है। इस मशीन के लिए अलग से कक्ष तैयार किया जा रहा है। ऐसे में मशीन के शुरु होने पर अब 2 घंटे में ही टीबी रोग का पता चल सकेगा। राजकीय अस्पताल में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज टीबी क्षय रोग से संबंधित आते हैं। जिनकी रिपोर्ट को जांच के लिए करौली चिकित्सालय में भेजना पड़ रहा है। वहां से जांच रिपोर्ट आने में एक दिन का समय लग जाता है। बाहर निजी लैब में इस रोग की जांच करवाने पर 500 से 800 रुपए तक वसूल किए जाते हैं।
पीएमओ डॉ. नमोनारायण मीना ने बताया कि इससे पहले क्षय रोगियों की जांच करौली या जयपुर अस्पताल में होती थी। लेकिन अब एनआरएचएम की ओर से यहां के लिए सीबी नॉट मशीन स्वीकृत होने पर शीघ्र ही इसे चालू कर देने से क्षेत्र के मरीजों को फायदा मिलेगा। मशीन के लिए अलग से कक्ष तैयार करवाया जा रहा है। चिकित्सक की ओर से अब तक दिए गए उपचार की जानकारी भी मशीन में उपलब्ध रहेगी। क्षय रोग से संबंधित सारी जानकारियां एवं उपचार के परिणाम की विस्तृत रिपोर्ट देगी।
ऐसे काम करती है सीबी नॉट मशीन
सीबी नॉट टेस्ट को जीनएक्सपर्ट परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है। जो टीबी के लिए एक आणविक या मॉलिक्युलर परीक्षण है। जो टीबी बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता लगाने के साथ-साथ दवा रिफैम्पिसिन के प्रतिरोध के लिए परीक्षण करके टीबी का निदान करता है। सीबी नॉट टेस्ट का पूरा नाम कार्ट्रिज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट है।
साल भर में 4800 टीबी मरीजों की जांच
हिंडौन अस्पताल में एक साल में हुई 4800 टीबी मरीजों की जांच टीबी लैब के सुपरवाइजर अशोक सैनी ने बताया कि राजकीय अस्पताल में प्रतिदिन टीबी से संबंधित 15 से 20 मरीज आते हैं। एक साल में अब तक जिला मुख्यालय की लैब में 4800 मरीजों की जांच करवाई गई। सीबी नॉट मशीन से 2 घंटे में ही रिपोर्ट मिल सकेगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.