यूरिया खाद पाने के लिए किसानों का संघर्ष अभी भी लगातार जारी है। गेहूं और सरसों की फसल में पहले पानी देते समय यूरिया खाद डाला जाता है। सरकार की ओर से कोऑपरेटिव सोसायटी और निजी दुकानों पर यूरिया उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन मांग अधिक होने के कारण किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है।
मंगलवार को ग्राम सेवा सहकारी समिति प्रागपुरा में एक ट्रेलर में करीब 800 यूरिया खाद के कट्टे आए। खाद की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में किसान यूरिया लेने पहुंच गए। जहां भारी भीड़ को देखकर पुलिस को सूचना दी। इस दौरान कस्बे में यातायात की समस्या भी हुई। जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त जाप्ता बुलवाकर यातायात व्यवस्था को सुचारू करवाया।
आधार कार्ड से यूरिया का वितरण
कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों की लाईन लगवाकर आधार कार्ड के माध्यम से यूरिया खाद वितरित करवाया। ग्राम सेवा सहकारी समिति प्रागपुरा चेयरमैन उपेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि 29 नवंबर को इफको यूरिया के 800 कट्टे आए। जिसमें प्रत्येक किसान को दो कट्टे बांटे गए। उन्होंने बताया कि 1 महीने में प्रागपुरा सहकारी समिति ने 9000 कट्टे यूरिया वह 2000 कट्टे डीएपी के किसानों को वितरित किए गए।
सहायक कृषि अधिकारी रमेश भारद्वाज ने बताया कि कस्बे में खाद मिलने की सूचना पर हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हो गए। तीन कृषि सुपरवाईजर व पांच पुलिसकर्मी भेजकर शांतिपूर्ण तरीके से खाद वितरण करवाया गया। प्रागपुरा में हर दूसरे दिन खाद की गाड़ी आ रही है। किसानों को खाद के लिए घबराने की जरूरत नहीं है।
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