अजमेर राेड स्थित जेडीए की 30 साल पुरानी 487 बीघा की वेस्ट-वे हाइट्स याेजना का रास्ता साफ हाे गया है। जेडीए ने 1991 और 2013 में 118 हैक्टेयर जमीन अवाप्त की थी पर 25 किसान काेर्ट चले गए और याेजना ठप पड़ गई। हाल में जेडीए ने किसानाें की 12 मांगें मान लीं। अब 17 जुलाई काे कैम्प लगाया जाएगा। जिन 11 किसानाें ने सहमति दी है, उनसे समर्पणनामा लेकर सहमति पत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद लीज राशि की जांच करवाने, मुआवजे को विधिक राय, निःशुल्क उपविभाजन का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।
किसानाें की इन मांगाें पर सहमति बनाई गई है
ऐसे डवलप होगी योजना
1991 में 34.26 और 2013 में 84.94 हैक्टेयर जमीन अवाप्त हुई। 2.61 है.जमीन जेडीए की थी। जेडीए 487 बीघा पर आवासीय और 74 हजार वर्गमीटर पर कामर्शियल एरिया डवलप करेगा।
याेजना से ऐसे कमाएगा जेडीए
मुआवजे के बाद बची जमीन काे 22 और 44 हजार रु./वमी की दर से बेचकर जेडीए 68 कराेड रुपए कमाएगा। जेडीए ने 42 हजार वमी का ई-ऑक्शन निकाला भी है।
12.18 लाख वर्गमीटर में डवलपमेंट का प्रपाेजल
याेजना में जमीन अवाप्ति से प्रभावित काश्तकार काेर्ट गए थे। जेडीए 12 मांगाें के निस्तारण पर सहमत है।
-गाैरव गाेयल, जेडीसी, जेडीए
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