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सूचना आयोग द्वारा सूचना नहीं देने पर लोक सूचना अधिकारियों पर लगाए गए जुर्माने और पेनल्टी की वसूली के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब मुख्य सूचना आयुक्त ने भी सख्ती दिखाई है। मुख्य सूचना आयुक्त के निर्देश के बाद अब प्रदेश के 43 विभागों के 1848 लोक सूचना अधिकारियों से 2,32,38,341 रुपए की पेनल्टी और 3,09,900 रुपए जुर्माना यानी 2,35,48,241 रुपए की वसूली हो सकेगी।
इस संबंध में मुख्य सूचना आयुक्त डीबी गुप्ता ने सीएस निरंजन आर्य, प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोड़ा व प्रमुख राजस्व सचिव आनंद कुमार को चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा है कि इन लोक सूचना अधिकारियों की नियुक्ति प्रदेश के विभिन्न जिलों में है, ऐसे में इनसे संपर्क नहीं हो रहा इसलिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया जाए कि वे विभिन्न विभागों की मासिक समीक्षा बैठक के एजेंडे में सूचना आयोग की वसूली राशि को शामिल करें। साथ ही इसकी नियमित समीक्षा भी करें जिससे हाईकोर्ट के आदेश की भी पालना की जा सके।
लोक सेवकों से ही वसूली की जानी थी
अधिवक्ता पीसी भंडारी व टीएन शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने 7 दिसंबर 2020 को तरुण अग्रवाल की पीआईएल पर लोक सूचना आयोग को निर्देश दिया था कि वह कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए लोक सूचना अधिकारियों पर बकाया जुर्माने व पेनल्टी राशि की वसूली करें। पीआईएल में कहा था कि आरटीआई से मिली सूचना से पता चला कि आयोग ने करीब दस सालोें में दोषी लोक सूचना अफसरों पर जो हर्जाना लगाया गया है उसमें से ढाई करोड़ रुपए की वसूली नहीं हो पाई है।
ऐसे में हर्जाने की वसूली नहीं होने के चलते लोक सूचना अफसर सूचनाएं देने में मनमानी कर रहे हैं और सूचनाएं नहीं दे रहे हैं। अब हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है तो विभागों में हलचल शुरू हो गई है। आनन-फानन में पत्र भेजने का दौर शुरू हो गया है। कलेक्टरों को निर्देश दिया जा रहा है कि जिन विभागों मे बकाया है, वहां के अधिकारियों को मासिक बैठक में इस दिशा में अवगत कराएं।
अधिवक्ता पीसी भंडारी व टीएन शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने 7 दिसंबर 2020 को तरुण अग्रवाल की पीआईएल पर लोक सूचना आयोग को निर्देश दिया था कि वह कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए लोक सूचना अधिकारियों पर बकाया जुर्माने व पेनल्टी राशि की वसूली करें। पीआईएल में कहा था कि आरटीआई से मिली सूचना से पता चला कि आयोग ने करीब दस सालोें में दोषी लोक सूचना अफसरों पर जो हर्जाना लगाया गया है उसमें से ढाई करोड़ रुपए की वसूली नहीं हो पाई है।
ऐसे में हर्जाने की वसूली नहीं होने के चलते लोक सूचना अफसर सूचनाएं देने में मनमानी कर रहे हैं और सूचनाएं नहीं दे रहे हैं। अब हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है तो विभागों में हलचल शुरू हो गई है। आनन-फानन में पत्र भेजने का दौर शुरू हो गया है। कलेक्टरों को निर्देश दिया जा रहा है कि जिन विभागों मे बकाया है, वहां के अधिकारियों को मासिक बैठक में इस दिशा में अवगत कराएं।
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