राजस्थान में RAS मुख्य परीक्षा को लेकर छात्रों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। एक और जहां सिलेबस में हुए बदलाव के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे है। इनमें 4 की तबियत बिगड़ने पर उन्हें हॉस्पिटल एडमिट कराया गया है। जहां छात्रों ने इलाज लेने से मन कर दिया है। वहीं RPSC ने अपने फैसले पर कायम रहते हुए मुख्य परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। जिसको लेकर प्रदेशभर में छात्रों का विरोध बढ़ गया है।
दरअसल, RAS मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रही अश्वनी ने बताया कि RPSC ने RAS सिलेबस UPSC से भी बढ़ा दिया है। इसमें मैनेजमेंट, अकाउंटेंसी, स्पोर्ट्स और योग जैसे कई नए विषय जोड़े गए हैं। वहीं अब सिलेबस बदलने के बाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी, प्रबंधन जैसे कई नए विषय भी जोड़ दिए गए हैं। ऐसे में इतने कम समय में सिलेबस को पूरा करना बहुत कठिन है। इसलिए RAS मुख्य परीक्षा को 2 से 3 महीने आगे बढ़ाया जाना चाहिये।
RAS मुख्य परीक्षा की तयारी कर रहे छात्र जयंत चौधरी ने बताया कि आज के माहौल में कोई भी प्रतियोगी परीक्षा विवादों से बच नहीं पाई है। रीट और पटवार रिजल्ट ने पारदर्शिता की पोल खोलकर रख दी है। वहीं अब समय से पहले RAS मुख्य परीक्षा का आयोजन करवाकर अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। चौधरी ने कहा की कोरोना महामारी के दौरान ज्यादा समय तक कोचिंग संस्थान बन्द रहे है। जिसके कारण छात्रों की पढ़ाई डिस्टर्ब हुई है। ऐसे में तैयारी पूरी करने के लिये छात्रों को थोड़ा वक्त और दिया जाए। उन्होंने कहा कि जब UPSC ने सिलेबस में बदलाव किया था। तो आठ महीने का समय दिया था। लेकिन RPSC ने UPSC के मुकाबले आधा समय भी नहीं दिया है।
वहीं RAS मुख्य परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत कांग्रेसी विधायक भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख चुके हैं। बावजूद इसके अब तक सरकार और RppSC की ओर से छात्रों की मांग को लेकर कोई भी फैसला नहीं किया गया है। जिसको लेकर अब सरकार के खिलाफ छात्रों के साथ उनके परिजन भी सड़कों पर उतर आए हैं।
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