भावुक और बेबाक नेता के रूप में जाने जाने वाले एक मंत्री का अंदाज-ए-श्राप आजकल चर्चा में है। मंत्री अपने क्षेत्र में विकास के कामों का उद्घाटन करने जाते हैं तो वोट नहीं देने वालों को कई बार ऋषि-मुनियों के अंदाज में श्राप भी दे डालते हैं। पिछले दिनों मंत्री एक कॉलोनी के उद्घाटन कार्यक्रम में गए। उस कॉलोनी में पिछले तीन बार से कांग्रेस हार रही थी। मंत्री ने फीता काटते ही कह दिया- इस वार्ड से तीन बार हरवा दिया, इस बार भी वोट नहीं दिया तो पाप करोगे। मंत्री के इस सार्वजनिक श्राप को विरोधियों ने मुद्दा बना लिया है।
हालचाल पूछा तो स्पीकर ने बता दिया सीनियर-जूनियर का भेद
विधानसभा में इस बार मंत्रियों ने स्पीकर का दुर्वासा रूप सार्वजनिक रूप से देखा और झेला। इसी दौरान एक और दिलचस्प घटना घटी जो अनदेखी-अनकही रह गई। केंद्र में जूनियर रहे एक नेताजी ने स्पीकर से दोस्ताना लहजे में हालचाल पूछ लिया। दुर्वासा अवतार में आए स्पीकर ने पुराने जूनियर को जिस अंदाज में जवाब दिया उसे सुनकर वे अगल बगल देखने लग गए। जूनियर को यह अच्छी तरह अहसास करवा दिया कि सीनियर क्या होता है?
कांग्रेस नेता की बीजेपी के नेता पुत्र संग बिजनेस पार्टनरशिप
सत्ता के बहुत करीबी कांग्रेस के एक नेता के जॉइंट वेंचर की गूंज इन दिनों कांग्रेस के दिल्ली मुख्यालय तक पहुंच गई है। कांग्रेस के इन नेता की बीजेपी के बड़े नेता पुत्र के साथ पार्टनरशिप वाले कुछ काम धंधों में जमकर कानून का उल्लंघन हुआ है। इसके दस्तावेज हाईकमान से लेकर कांग्रेस मुख्यालय के बड़े नेताओं तक पहुंचा दिए हैं। आने वाले दिनों में ये दस्तावेज सत्ता केंद्र के लिए मुश्किल बनेंगे, क्योंकि इनमें बहुत कुछ ऐसा है जो सत्ता की फजीहत करवाने के लिए काफी है।
लाइब्रेरी को किताबें नहीं लौटा रहे 16 आईएएस
बैंकों के कर्जदार खूब हैं, लेकिन सचिवालय की पंचायतीराज विभाग की लाइब्रेरी से किताबों के कर्जदारों की लंबी लिस्ट हैं। पिछले दिनों लाइब्रेरी की ऑडिट हुई तो मौजूदा कर्ताधर्ताओं के कान खड़े हो गए। ऑडिट में पाया गया कि सैकड़ों कर्मचारियों के साथ 16 आईएएस अफसर ने ढेरों किताबें अपने नाम से लीं, लेकिन लौटाने का नाम ही ले रहे। इनमें से 6 आईएएस तो रिटायर्ड हो गए हैं। सचिवालय की लाइब्रेरी से किताबों के कर्जदार आईएएएस अफसरों से अब तकादे की तैयारी की जा रही है।
कांग्रेस राज में बीजेपी के 5 नेताओं की सिफारिश को मंत्रियों के बराबर तवज्जो
सत्ता की राजनीति के समीकरण इन दिनों काफी दिलचस्प और उलझे हुए हैं। बीजेपी भले ही विपक्ष में हैं, लेकिन कुछ नेताओं-विधायकों की सत्ता में धमक के आगे मंत्री भी बौने हैं। सत्ता के बड़े केंद्र के राजदारों ने खुलासा किया कि पांच बीजेपी नेताओं की सिफारिशी चिट्ठियों को कांग्रेस के सत्ता खेमे के विधायकों के बराबर महत्व देने के आदेश हैं। इनमें एक हाड़ौती क्षेत्र के विधायक हैं, एक मेवाड़ क्षेत्र से और एक मारवाड़-शेखावाटी क्षेत्र से आने वाले बीजेपी नेता हैं। जिन बीजेपी नेताओं की सत्ता में चल रही है वे खास खेमे से जुड़े हैं, यह सियासी जुगलबंदी पिछले साल ही बनी है।
सत्ता के चहेते विधायक की डिमांड अफसर ने कर दी खारिज
सत्ता के चहेते विधायकों की बनाना रिपब्लिक जैसी अजब गजब सिफारिशों से अफसर भी हैरान हो गए हैं। पिछले दिनों सत्ता के चहेते एक विधायक अपनी सिफारिश लेकर सीएम निवास पहुंचे। विधायक ने जूनियर इंजीनियर को ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर बनाने की सिफारिश करते हुए अफसर पर दबाव बनाया। नेताओं को डील करने वाले अफसर भी अनुभवी और पारखी हैं। अफसर ने विधायक को दो टूक कह दिया कि सरकार तो एईएन के पद पर ही लगाएगी, आप चाहें तो कलेक्टर बना देना।
कई ब्यूरोक्रेट का गान- नेता हम ही हैं कल के
राजस्थान में रिटायर अफसरों के नेता बनने के कई सफल उदाहरण हैं, इसे देख हर पांच साल में रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट का एक पूरा बैच सियासत में एंट्री करता है। एक रिटायर्ड डीजीपी और एक रिटायर्ड आईएएस कांग्रेस के विधायक हैं। कई अफसर 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस-बीजेपी से टिकट लेने की तैयारियों में अभी से जुट गए हैं। एक बड़े ब्यूरोक्रेट ने तो अपने दौरों में अभी से नेताओं के अंदाज में बैनर पोस्टर लगाकर माहौल बनाना शुरू कर दिया है। इनके बैनर पोस्टर पहले भी चर्चा में रहे थे। कई और आईएएस-आईपीएस भी अंदरखाने तैयारियों में लगे हैं।
इलेस्ट्रेशन : संजय डिमरी, जयपुर
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