14 सितंबर को हिन्दी दिवस के मौके पर दैनिक भास्कर की और से विशेष कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें राजस्थान के 8 युवा कवि और कवित्रीयों ने अपनी कविताएं सुनाई। इनमें हिंदी और राजस्थानी गीतकार दीपा सैनी, लेखक शिल्पी पचौरी लेखक और फोटोग्राफर बोधायन निपुण शर्मा, कवि हुल्लास पुरोहित, स्टूडेंट जगदीश पटेल, गुंजित जैन, पल्लवी माथुर और हर्ष शर्मा मौजूद रहे। कवि सम्मेलन के दौरान युवा कवियों ने हिंदी भाषा के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए नई रचनाएं सुनाई। वहीं मौजूदा हालातों पर अपने शब्दों के बाढ़ से व्यंग किया।
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर हिंदी को समर्पित दिवस पहली बार 1953 में मनाया गया था। 14 सितंबर को चिह्नित करने के पीछे का कारण भाषा के महत्व को बढ़ाना था। हिंदी दिवस राजेंद्र सिंह की जयंती भी है। वह एक भारतीय विद्वान, हिंदी-प्रतिष्ठित, संस्कृतिविद्, रामायण-अधिकार, और एक इतिहासकार थे। इसके अलावा, हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने में उनकी भूमिका भी बहुत बड़ी थी।
हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का विचार पहली बार 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा लाया गया था। भारत का संविधान अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देता है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने 1977 में वैश्विक स्तर पर हिंदी में एक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को संबोधित किया था। उस वक्त वे विदेश मंत्री थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था।
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