शहर में फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर बनकर शातिर ठग द्वारा रिजर्व पुलिस लाइन के नाम से खरीदारी करने का मामला सामने आया है। एक किराणा कारोबारी पर रौब झाड़ने के लिए शातिर ठग पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर डिपार्टमेंटल शॉप पर चला गया। वहां अपनी फर्जी आईडी की कॉपी के साथ ही पुलिस लाइन के लैटरपेड पर पुलिस कमिश्नर व एसपी के नाम से मुहर लगी सामान की लिस्ट भी थमा दी। संदेह होने पर व्यवसायी ने अपने परिचित पुलिस वालों से बातचीत की तब ठगी का खुलासा हुआ। इसके बाद झोटवाड़ा थाने पहुंचकर केस दर्ज करवाया।
तीन चार महीने से सामान खरीदने आ रहा था, एक दिन अचानक वर्दी पहनकर आया
पुलिस के मुताबिक किराणा व्यवसायी मनीष रावत ने रिपोर्ट में बताया है कि उनकी झोटवाड़ा में कमानी रोड पर डिपार्टमेंटल शॉप है। उनकी दुकान पर पिछले करीब तीन-चार महिने से एक ग्राहक सामान खरीदने आ रहा था। वह उनके यहां बिल्कुल नया ग्राहक था। उसने तीन चार महीनों में अपने बारे में कुछ नहीं बताया। वही ग्राहक अचानक 14 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे पुलिस की वर्दी में खरीदारी करने मनीष रावत की दुकान पर पहुंचा।
ठग ने तीन स्टार वाली पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहन रखी थी। उसकी नेम प्लेट पर राहुल शेखावत लिखा हुआ था। अचानक युवक को वर्दी में देखकर व्यवसायी मनीष रावत भी चौंक गए। बातचीत में पुलिस इंस्पेक्टर बने ठग ने मनीष रावत को बताया कि वह पुलिस लाईन चांदपोल का इंचार्ज लगा हैं। पुलिस लाईन की मैस के लिये अब हम आपसे ही सामान लेना चाहते है। हम पहले चांदपोल से सामान लेते थे। लेकिन उससे बिगाड़ हो गया है।
खुद को चांदपोल पुलिस लाइन में इंस्पेक्टर बताया, तीन पुलिस लाइन के लिए मांगा राशन
पीड़ित के मुताबिक पुलिस इंस्पेक्टर बने राहुल शेखावत ने बताया कि 15 दिन में करीब 25 क्विटंल आटा व इसी के हिसाब से अन्य राशन का सामान की डिमांड रहेगी। पुलिस लाईन मैस में हर रोज 5000 जवान खाना खाते है। उसने बताया कि तीन जगह पुलिस लाईन चांदपोल, पुलिस लाईन जलमहल के सामने व राजमहल के लिये राशन चाहिए। राशन डिलीवरी के लिए वह खुद गाड़ी लेकर आएगा।
रिजर्व पुलिस लाइन के लैटरपेड पर लगी थी कमिश्नर के नाम की मुहर
डिलीवरी के तीन दिन बाद पेमेंट चैक से करेगा। ठग ने यह भी कहा कि वह 15 अक्टूबर को 500 रुपए के स्टाम्प पर एग्रीमेंट कर जाउंगा और राशन की लिस्ट दे जांउगा। वह 15 अक्टूबर को दुकान पर आया। उसने मनीष रावत को तीन लेटर सौंपे, जिसके साथ राशन की सूची लगी हुई थी। वह देकर चला गया। ये तीनों लैटर, कार्यालय रिजर्व पुलिस लाइन, चांदपोल के नाम से बने थे। इसके नीचे जिला पुलिस अधीक्षक जयपुर शहर की सील लगी हुई थी।
शक होने पर आईडी मांगी तो वह भी देकर चला गया फर्जी इंस्पेक्टर
आरोपी ने दो लैटर पर जिला पुलिस अधीक्षक जयपुर शहर की मोहर व एक लैटर पर कमिश्नर राजस्थान पुलिस जयपुर की मोहर लगी हुई थी। इनमें सील मोहर व लैटर देख कर मनीष रावत को थोड़ा शक हुआ। आज वह आदमी फिर दुकान पर आया। तब मैनें उसे स्टाम्प पेपर के बारे मे पुछा तो उसने कहा कि सोमवार को दे दूंगा। उसने मुझे राशन की डिलेवरी करने को कहा। मुझे उस पर शक था मैंने ठग से आईडी मांगी तो उसने पुलिस इन्सपेक्टर की आईडी दिखाई। तब आईडी की फोटो कॉपी मनीष को दे दी।
इसके बाद वह अगले दिन आने की बात कहकर कार में बैठकर चला गया। मनीष को शक हुआ तब अपने परिचित पुलिस वालों से पता करवाया तो सभी ने राहुल शेखावत के नाम के कोई भी पुलिस इंस्पेक्टर को पहचानने से मना कर दिया। उक्त राहुल शेखावत द्वारा मुझे जो लेटर दिये गये थे उसकी सील के बारे में पता किया तो मालूम चला कि जयपुर में पुलिस अधीक्षक ना होकर पुलिस उपायुक्त होते हैं। तब मनीष रावत ने रविवार को झोटवाड़ा थाने पहुंचकर फर्जी इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज करवाया।
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