एक्टर बोला- सतीश कौशिक की वजह से नेशनल अवॉर्ड मिला:कहा- कोविड में जब आइसीयू में था तो सतीश कौशिक डॉक्टर्स से रोज अपडेट लेते थे

जयपुर3 महीने पहले
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टीवी और फिल्मों में अपने अभिनय से सुर्खियां बटोरने वाले एक्टर अनिरुद्ध दवे जयपुर आए हुए है। - Dainik Bhaskar
टीवी और फिल्मों में अपने अभिनय से सुर्खियां बटोरने वाले एक्टर अनिरुद्ध दवे जयपुर आए हुए है।

टीवी और फिल्मों में अपने अभिनय से सुर्खियां बटोरने वाले एक्टर अनिरुद्ध दवे जयपुर आए हुए है। उनका दिवंगत एक्टर सतीश कौशिक से गहरा रिश्ता रहा है। जयपुर कॉट‌‌‌‌‌योर शो में आए अनिरुद्ध ने भास्कर से बातचीत में कहा कि मैंने हमेशा सतीश सर को अपने करीब पाया है। वे मेरे पिता तुल्य थे, मेरे गुरु रहे है। मैं उस समय को नहीं भूल सकता जब मुझे कोविड हुआ था और भोपाल के हॉस्पिटल में आइसीयू में एडमिट था। वह ऐसा लम्हा था, जब मैं सबसे कठिन वक्त से गुजर रहा था। तब सतीश कौशिक ऐसे पहले इंसान थे, जो रोज डॉक्टर्स से बात करते थे और मेरा हेल्थ बुलेटिन जानते थे। ऐसा कोई दिन नहीं जाता था जब वे डॉक्टर्स से मुझे ठीक करने की मिन्नते करते थे और उन्हें कहते थे कि अनिरुद्ध की हिम्मत बढ़ाते रहना।

जयपुर कॉट‌‌‌‌‌योर शो में आए अनिरुद्ध ने भास्कर से बातचीत में कहा कि मैंने हमेशा सतीश सर को अपने करीब पाया है। वे मेरे पिता तुल्य थे, मेरे गुरु रहे है।
जयपुर कॉट‌‌‌‌‌योर शो में आए अनिरुद्ध ने भास्कर से बातचीत में कहा कि मैंने हमेशा सतीश सर को अपने करीब पाया है। वे मेरे पिता तुल्य थे, मेरे गुरु रहे है।

डॉक्टर्स के पास उस समय बिलुकल भी समय नहीं होता था, क्योंकि वे हजारों पैशेंट्स को देख रहे थे, फिर भी वे मुझसे आकर सतीश सर की बातें बताते थे। बाद मुझसे बात करते हुए यही कहते थे कि जल्दी ठीक हो जा अपने को नेशनल अवॉर्ड लेने जाना है। चिरायु हॉस्पिटल के डॉ अजय गोयनका और डॉ ज्ञान का मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा कि उन्होंने मुझे दूसरा जीवन दिया। डॉक्टर्स मुझसे कहा करते थे कि हमारे पास इंडस्ट्री रोज कॉल आते है, लेकिन सतीश कौशिकजी तो रोज ही तुम्हारे बारे में जानकारी लेते है और एक पिता की तरह ध्यान रखते थे।

चिरायु हॉस्पिटल के डॉ अजय गोयनका और डॉ ज्ञान का मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा कि उन्होंने मुझे दूसरा जीवन दिया।
चिरायु हॉस्पिटल के डॉ अजय गोयनका और डॉ ज्ञान का मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा कि उन्होंने मुझे दूसरा जीवन दिया।

अनिरुद्ध ने कहा कि टीवी सफर से पहले मेरी शुरुआत तेरे संग मूवी से हुई थी। 2009 में रिलीज हुई थी। इसमें सतीशजी, अनुपम खेर साहब, नीना गुप्ता सहित कई कलाकार साथ थे। इनके साथ काम करके ही मेरा कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ा था। सतीश कौशिक ने हौसला बढ़ाया और मुझसे वादा किया की तेरे साथ बतौर हीरो फिल्म बनाउंगा, इससे पहले हमने बतौर सपोर्टिंग एक्टर के रूप में काम किया था। वादा पूरा किया और मेरे साथ हरियाणवी फिल्म छोरी छोरों से कम नहीं होती बनाईं। उसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इस दौरान 10 साल जरूर लगा, लेकिन उन्होंने जो कहा वो अच्छे से पूरा किया। लेकिन बहुत सारी चीजे अधूरी रह गई। मेरे सपनों को पूरा करने में उनका अहम योगदान रहा है।

अनिरुद्ध ने कहा कि टीवी सफर से पहले मेरी शुरुआत तेरे संग मूवी से हुई थी। 2009 में रिलीज हुई थी।
अनिरुद्ध ने कहा कि टीवी सफर से पहले मेरी शुरुआत तेरे संग मूवी से हुई थी। 2009 में रिलीज हुई थी।

मैंने उनकी आखिरी फिल्म कागज 2 कंपलीट की है, यह फिल्म हमारे लिए बहुत खास है। अभी तीन दिन पहले मैंने उन्हें जिस तरह से देखा वह बहुत पीड़ादायक था। मैं उनकी दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करता हूं, क्योंकि जो उन्होंने मेरे लिए किया है, वह मेरे लिए बहुत पर्सनल है। उन्होंने मुझे कहा था कि तेरे को हीरो बनाउंगा और उन्होंने वह काम कर दिया है।

मैंने उनकी आखिरी फिल्म कागज 2 कंपलीट की है, यह फिल्म हमारे लिए बहुत खास है। अभी तीन दिन पहले मैंने उन्हें जिस तरह से देखा वह बहुत पीड़ादायक था।
मैंने उनकी आखिरी फिल्म कागज 2 कंपलीट की है, यह फिल्म हमारे लिए बहुत खास है। अभी तीन दिन पहले मैंने उन्हें जिस तरह से देखा वह बहुत पीड़ादायक था।

वैश्वविक स्तर पर छाया हिन्दुस्तानी सिनेमा आॅस्कर में हिन्दुस्तानी फिल्मों को अवॉर्ड मिलना प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की तरह है। यह कॉम्पीटिशन का दौर हिन्दुस्तान में बना रहना चाहिए, इससे बेहतरीन सिनेमा देखने को मिलेगा और उसकी गूंज विश्वभर में सुनाई देगी। फिल्म RRR के गाने 'नाटू-नाटू' ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता। 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला है। यह बेहद खुशी कर क्षण है। यह इसी कारण संभव हुआ है, जब हमारे यहां कॉम्पीटिशन का लेवल हाई हुआ है। इसके चलते अच्छा कंटेंट और क्रिएटिविटी की तरफ हम जा रहे है। सिनेमाजगत में हिन्दुतान छाया हुआ है।

आॅस्कर में हिन्दुस्तानी फिल्मों को अवॉर्ड मिलना प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की तरह है। यह कॉम्पीटिशन का दौर हिन्दुस्तान में बना रहना चाहिए, इससे बेहतरीन सिनेमा देखने को मिलेगा और उसकी गूंज विश्वभर में सुनाई देगी।
आॅस्कर में हिन्दुस्तानी फिल्मों को अवॉर्ड मिलना प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की तरह है। यह कॉम्पीटिशन का दौर हिन्दुस्तान में बना रहना चाहिए, इससे बेहतरीन सिनेमा देखने को मिलेगा और उसकी गूंज विश्वभर में सुनाई देगी।

बतौर प्रोड्यूसर एंट्री कर रहा हूं

जैसा मैंने पहले कहा कि मैं सतीश जी की फिल्म कागज 2 कर चुका हूं और इसकी रिलीज की तैयारियां चल रही है। इसके अलावा एक शूट जल्द शुरू होने वाला है, जो नीना गुप्ताजी के साथ है। कोविड के बाद मैं पूरी तरह फिट नहीं था, रेस्ट की जरूरत थी और ​कुछ फिल्में साइन कर ली थी, इस वजह से टीवी से ब्रेक ले लिया। ऐसे में बॉडी पर काम किया और फिर से इंडस्ट्री की तरफ लौटना शुरू किया। इस दौरान कुछ प्रोजेक्ट टीवी पर प्रोड्यूस करने के आॅफर मिले। जिसके चलते मैंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की और अब जल्द ही कुछ प्रोजेक्ट सभी के सामने रिविल करेंगे। एक्टर के बाद बतौर प्रोड्यूसर भी कुछ नया दर्शकों को देने की तैयारी है।

जैसा मैंने पहले कहा कि मैं सतीश जी की फिल्म कागज 2 कर चुका हूं और इसकी रिलीज की तैयारियां चल रही है। इसके अलावा एक शूट जल्द शुरू होने वाला है, जो नीना गुप्ताजी के साथ है।
जैसा मैंने पहले कहा कि मैं सतीश जी की फिल्म कागज 2 कर चुका हूं और इसकी रिलीज की तैयारियां चल रही है। इसके अलावा एक शूट जल्द शुरू होने वाला है, जो नीना गुप्ताजी के साथ है।

स्कूल से कला की तरफ झुकाव

उन्होंने बताया कि जयपुर में केवी स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही आर्ट के प्रति जुड़ाव था, सुबह प्रेयर मीटिंग में म्यूजिक ग्रुप से जुड़ा हुआ था। बाद में राजस्थान कॉलेज में पढ़ाई की और यहां जवाहर कला केन्द्र में थिएटर वर्कशॉप ली। इसके बाद जयपुर थिएटर के कई डायरेक्टर्स के साथ काम किया और कई नाटकों में नजर आया।

जयपुर में केवी स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही आर्ट के प्रति जुड़ाव था, सुबह प्रेयर मीटिंग में म्यूजिक ग्रुप से जुड़ा हुआ था। बाद में राजस्थान कॉलेज में पढ़ाई की और यहां जवाहर कला केन्द्र में थिएटर वर्कशॉप ली।
जयपुर में केवी स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही आर्ट के प्रति जुड़ाव था, सुबह प्रेयर मीटिंग में म्यूजिक ग्रुप से जुड़ा हुआ था। बाद में राजस्थान कॉलेज में पढ़ाई की और यहां जवाहर कला केन्द्र में थिएटर वर्कशॉप ली।

देहरादून में जन्में, जयपुर में बचपन बीता

अनिरुद्ध का जन्म देहरादून, उत्तराखंड में हुआ था। हालांकि, बाद में उनका परिवार जयपुर, राजस्थान शिफ्ट हो गया। जयपुर से उन्होंने थिएटर की शुरुआत की बाद में उन्होंने दिल्ली में 'राशोमोन','हाय मेरा दिल' और 'मैन विदाउट शैडो' जैसे थिएटर प्लेज में काम किया। साल 2000 में उन्हें के. आर. नारायणन द्वारा एक्टिंग और थिएटर्स प्लेज के लिए राष्ट्रपति अवॉर्ड दिया गया था। अनिरुद्ध ने 'राजकुमार आर्यन', 'वो रहने वाली महलों की', 'रुक जाना नहीं', 'सूर्यपुत्र कर्ण', 'यारो का टशन', 'पटियाला बेब्स' और 'शक्ति अस्तित्व के अहसास की' जैसे सीरियल्स में काम किया। वे 'तेरे संग' और 'प्रणाम' जैसी फिल्मों के बाद अक्षय कुमार स्टारर 'बेल बॉटम' में भी अहम भूमिका में दिखाई दिए थे।

अनिरुद्ध का जन्म देहरादून, उत्तराखंड में हुआ था। हालांकि, बाद में उनका परिवार जयपुर, राजस्थान शिफ्ट हो गया।
अनिरुद्ध का जन्म देहरादून, उत्तराखंड में हुआ था। हालांकि, बाद में उनका परिवार जयपुर, राजस्थान शिफ्ट हो गया।
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