शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए अभी तक आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। अभिभावक 40 हजार निजी स्कूलों में आरटीई की 4 लाख सीटों पर प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने स्टाफ के लिए स्कूलों को खोलने का आदेश जारी कर दिया और बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है।
ऐसे में अगर प्रवेश अगर देरी से शुरू हुआ तो विद्यार्थियों को पढ़ाई की नुकसान होगा। शिक्षा विभाग ने अप्रैल में आरटीई प्रवेश की गाइडलाइन जारी की थी और सबसे पहले 16 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ होनी थी, लेकिन तब लॉकडाउन के कारण प्रवेश प्रक्रिया को स्थगित कर 10 मई से प्रारंभ करने का आदेश जारी हुआ। मई में भी प्रक्रिया को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया था। अभिभावक अब विभाग से जल्दी से जल्दी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चे प्रवेश ले सके।
ऐसे होगा पढ़ाई का नुकसान
निजी स्कूलों में एंट्री लेवल पर 25% सीट आरटीई के बच्चों के लिए होती है। जिन पर अभी प्रवेश नहीं हुआ है। जबकि शेष 75% सीटों पर प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में आरटीई के बच्चों के प्रवेश अगर देरी से होंगे तो वे पढ़ाई में उन 75% बच्चों से पिछड़ जाएंगे।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.