इस बार अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की कलाई पर जीपीएस बैंड बंधेगा ताकि उनकी लोकेशन मिलती रहे। यात्रा आगामी 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त तक चलेगी। कोरोना के कारण दो साल बाद फिर से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाएंगे। जयपुर से 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के जाने का अनुमान है। अब तक श्रद्धालु बैंकों, ऑनलाइन और पोस्टल सेवा के माध्यम से 10,000 से अधिक लोग यात्रा का रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इससे पहले 2019 में जयपुर से 16 हजार लोग अमरनाथ की यात्रा करके आए थे। 9 अगस्त तक यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
पहला जत्था 26 जून को, 1000 लोग जाएंगे
जयपुर से करीब 50 संगठन अमरनाथ यात्रा ले जाते हैं। दो साल बाद यात्रा होने से लोगों में बाबा के दर्शन करने का काफी उत्साह है। इस बार ये ग्रुप 20 हजार से अधिक लोगों को यात्रा पर ले जाएंगे। जबकि 2019 में 16 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन करके आए थे। गोयल परिवार 1000 लोगों को यात्रा पर ले जाएगा। पहले जत्थे की रवानगी 26 जून को होगी। मोती डूंगरी गणेशजी के दर्शन कर जत्था रवाना होगा। 2 जुलाई को बर्फानी बाबा के दर्शन कर 5 जुलाई को वापसी होगी।
30 जून से 11 जुलाई तक के रजिस्ट्रेशन फुल
गोयल परिवार की ओर से हर साल यात्रा दल ले जाने वाले राजकुमार गोयल ने बताया कि शहर में जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब नेशनल नेहरू उद्यान शाखा अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। बैंकों व ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से 10 हजार लोगों ने अब तक कराए हैं। गोयल के मुताबिक एक दिन में एक बैंक में 30 ही लोग रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस हिसाब से 30 जून से लेकर 11 जुलाई तक के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पूर्ण हो चुके हैं।
10 साल में पहली बार पहलगांव की ओर से जाने का ज्यादा रुझान
गोयल के मुताबिक 10 साल में पहली बार बालटाल की बजाए पहलगांव की तरफ से जाने का ज्यादा रुझान है। यह रुझान श्रद्धालुओं के कराए गए रजिस्ट्रेशन से पता चल रहा है। हेलिकॉटर से जाने की सुविधा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फिलहाल सरकार ने शुरू नहीं किया है। जबकि शहर से बड़ी संख्या में लोग हेलिकॉटर से जाने के इच्छुक हैं।
सुरक्षा के लिए होंगे कड़े इंतजाम
दूसरी ओर, अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए पहले से भी अधिक कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इस कड़ी में इस बार प्रत्येक तीर्थ यात्री को कलाई में बांधने के लिए एक रिस्टबैंड दिया जाएगा। इसमें एक जीपीएस बैंड (माइक्रोचिप) रहेगी, जिसके जरिए सेटेलाइट के माध्यम से यात्री की लोकेशन का पता चलता रहेगा। कभी कोई घटना-दुर्घटना होती है तो इससे कौन सा यात्री कहां है, यह पता लगाया जा सकेगा। यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्री निवास भी बनाए जा रहे हैं।
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