सरकारी नौकरी कर रहे कर्मचारी के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में राजस्थान में सरकार से एक सिफारिश की है। अब तक ऐसे केस में मृतक के बेटे, अविवाहित बेटी या मृतक की पत्नी को नौकरी देने का प्रावधान है। इस बार राजस्थान रोडवेज ने ऐसे मामले में मृतक की विवाहित बेटी को नौकरी देने की मांग की है। इसके लिए राज्य सरकार को रोडवेज के एमडी ने एक पत्र भी लिखा है।
राजस्थान रोडवेज के सीएमडी संदीप वर्मा ने अपने पत्र में बताया कि राजस्थान रोडवेज में मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए पति या पत्नी, बेटा, अविवाहित या विधवा बेटी, मृत सरकारी कर्मचारी की ओर से अपने जीवन काल के दौरान वैधरूप से गोद लिए दत्तक बेटी या बेटी, जो मृत्यु के समय पूर्णतया आश्रित हो, को शामिल किया हुआ है। हालांकि इस मामले में विवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए पात्र नहीं माना गया है, इसलिए विवाहित बेटी को भी मृत कर्मचारी का आश्रित मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए नियमों में संशोधन करने के लिए पत्र लिखकर अनुशंसा की गई है।
7 राज्यों के हाईकोर्ट के आदेशों का दिया हवाला
राजस्थान रोडवेज के सीएमडी संदीप वर्मा की तरफ से लिखे पत्र में यह भी बताया कि मुंबई हाईकोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, कर्नाटक हाईकोर्ट और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में निर्णय पारित किए हुए हैं। महाराष्ट्र की सरकार ने साल 2013 और तमिलनाडु की सरकार ने पिछले साल जनवरी 2020 में नया संशोधन करते हुए विवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र किया है।
हर साल करीब 125 कर्मचारियों की होती है मृत्यु
राजस्थान रोडवेज की बात करें तो यहां पूरे प्रदेश में हर साल औसतन 100-125 कर्मचारियों की मृत्यु नौकरी के दौरान हो जाती है। इसलिए बड़ी संख्या में रोडवेज के मृत कर्मचारियों की विवाहित बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों की माने तो इस तरह के करीब 27 मामले लंबित है। इसमें विवाहित बेटियां अपने पिता की मृत्यु के बाद नौकरी मिलने का इंतजार कर रही हैं।
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